एसोसिएटेड प्रेस ऑफ पाकिस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल सैयद असीम मुनीर ने घटनास्थल का मौका-मुआयना किया। उनके साथ वरिष्ठ सुरक्षा और खुफिया अधिकारी भी थे।
‘दोस्त हो या दुश्मन…सेना के सामने कोई नहीं टिक पाएगा’
पाकिस्तानी सेना की मीडिया शाखा इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) के मुताबिक जनरल मुनीर ने बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री सरफराज बुगती और राज्यपाल शेख जाफर खान मंडोखैल के साथ सैनिकों के अंतिम संस्कार में नमाज अदा की। साथ ही घायल सैनिकों से क्वेटा के संयुक्त सैन्य अस्पताल में मुलाकात की। जनरल मुनीर आतंकियों को धमकाते हुए कहा कि ये लोग चाहे जो दुश्मन हों या दोस्त, वो पाकिस्तान जैसे देश और इसके सैनिकों के लचीलेपन के सामने हार जाएंगे।
निहत्थे थे गाड़ी में बैठे सैनिक
AFP ने स्थानीय सूत्रों से मिली खबर के हवाले से बताया है कि बलूचिस्तान के मंगोचर शहर के पास पाकिस्तानी सेना (Pakistani Army) का वाहन फ्रंटियर कोर के अर्धसैनिक बलों को लेकर जा रहा था, उनके पास हथियार नहीं थे। आतंकियों को पता था कि सैनिकों का ये वाहन वहां से निकलेगा। इसलिए 70 से 80 आतंकी पहले से ही घात लगाकर बैठे थे। जैसे ही सेना की गाड़ी वहां से गुजरी आतंकियों ने वाहन पर ताबड़तोड़ गोलीबारी शुरू कर दी। जिससे वाहन में बैठे 17 सैनिक और उनकी सहायता के लिए आए एक और अर्धसैनिक जवान की मौत हो गई। इस भीषण हमले में 3 सैनिक गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
बलूच लिबरेशन आर्मी पर जताया जा रहा हमले का शक
बलूचिस्तान में हुए इस भीषण हमले की जिम्मेदारी अभी तक किसी भी आतंकी संगठन ने नहीं ली है। हालांकि स्थानीय पुलिस ने पाकिस्तानी सेना पर बलूच लिबरेशन आर्मी (Baloch Liberation Army) यानी BLA पर हमले का शक जताया है। इससे पहले 28 जनवरी को भी आतंकियों और पाक सैनिकों के बीच मुठभेड़ हुई थी जिसमें 30 से ज्यादा आतंकी मारे गए थे।