‘हम तो बातचीत करना चाहते थे, लेकिन मजबूरन…’
अंतर्राष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शिनबाम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कहा कि मैक्सिको सरकार तो अपने टॉप ट्रेड साझीदार अमेरिका से टकराव के बजाय बातचीत करना चाहती थी। लेकिन मैक्सिको को भी उसी तरह जवाब देने के लिए मजबूर होना पड़ा है। शिनबाम ने पोस्ट किया कि मैक्सिको के अर्थव्यवस्था मंत्री को प्लान बी को लागू करने का निर्देश दे दिया गया है, इस पर अब मैक्सिको ने काम करना शुरू कर दिया है। इसमें टैरिफ और गैर-टैरिफ आइडिया भी शामिल हैं। हालांकि अभी शीनबाम ने ये साफ नहीं किया है कि मैक्सिको किन अमेरिकी वस्तुओं पर टैरिफ लगाएगा।
इन वस्तुओं पर लग सकता है टैरिफ
हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से कहा गया कि मैक्सिको अमेरिका पर 5 से 20% तक टैरिफ लगा सकता है। इसमें पोर्क, पनीर, ताजा उत्पाद, निर्मित स्टील और एल्युमीनियम हो सकता है। लेकिन ऑटो उद्योग को शुरुआत में छूट दी जा सकती है। उधर मैक्सिको के अर्थव्यवस्था मंत्री मार्सेलो एबरार्ड ने कहा है कि अमेरिका का टैरिफ आदेश अमेरिका-मेक्सिको-कनाडा समझौते (US-Mexico-Canada Agreement) का उल्लंघन है। इसके अलावा मैक्सिको ने ट्रंप के ड्रग्स को लेकर मैक्सिको पर लगाए गए आरोपों को भी अपमानजनक बताया। शीनबाम ने ये कहते हुए इन आरोपों को खारिज कर दिया कि ड्रग कार्टेल का मैक्सिकन सरकार के साथ गठबंधन है।
ड्रग सप्लाई पर मैक्सिको ने की है कार्रवाई
शीनबाम ने बताया कि उनकी सरकार के नेतृत्व में फेंटेनाइल की 20 मिलियन खुराकें जब्त करने के अलावा ड्रग तस्करी से जुड़े 10,0000 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लेकर कार्रवाई की गई है। दरअसल अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ लगाते वक्त कहा था कि मैक्सिको पर इसलिए टैरिफ लगाया गया है क्योंकि मैक्सिको ‘फेंटेनाइल’ ड्रग को अमेरिका में आने से रोक नहीं पाया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 1 फरवरी को एक कार्यकारी आदेश पर साइन करते हुए मैक्सिको पर 25% कनाडा पर 25% और चीन पर 10 प्रतिशत टैरिफ लगाया है।