नवरात्रि संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले सवाल और उनके जवाब (Frequently Asked Questions Navratri)
साल में कितनी बार आती है नवरात्रि
शक्ति आराधना का पर्व नवरात्रि साल में 4 बार आती है। दो बार की नवरात्रि माघ और आषाढ़ गुप्त नवरात्रि कही जाती है, इसमें गुप्त रूप से माता शक्ति की दस महाविद्या की पूजा की जाती है। इस नवरात्रि में प्रायः तंत्र मंत्र की साधना, वशीकरण मंत्र सिद्धि करने वाले इंतजार करते हैं। जबकि दो नवरात्रि चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि प्रत्यक्ष नवरात्रि कही जाती है।इस दौरान गृहस्थ मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की आराधना करते हैं। शीत ऋतु में आने वाली शारदीय नवरात्रि में तो प्रतिमा भी स्थापित की जाती है। वैसे सभी नवरात्रि में पूजा अर्चना की एक ही प्रक्रिया है। दुर्गा सप्तशती का पाठ सबसे आसान आराधना विधि है।
नवरात्रि के पारंपरिक फूड क्या हैं (Navratri Food)
सभी नवरात्रि में व्रत या फूड की एक ही परंपरा है चाहे वह गुप्त नवरात्रि हो या चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि। इस दौरान लोग व्रत रखते हैं और साबूदाना खिचड़ी, सिंघाड़े के आटे का हलवा, समोसा, मखाने की खीर, फल और आलू आदि खाते हैं।
चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि में क्या अंतर है (Chaitra Navratri Shardiya Navratri Difference)
चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि में अंतर की बात करें तो चैत्र नवरात्रि हिंदू महीने चैत्र में शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से शुरू होता है और प्रायः मार्च या अप्रैल में पड़ता है। इसे वासंतिक नवरात्रि भी कहते हैं। वहीं शरद नवरात्रि अश्विन महीने में आती है। यह महीना प्रायः सितंबर या अक्टूबर महीने में आता है।
चैत्र नवरात्रि का पहला दिन क्या होता है (What is day 1 of Chaitra Navratri)
चैत्र नवरात्रि का पहला दिन चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा होता है। इसी दिन घटस्थापना और मां दुर्गा की प्रथम शक्ति मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। कई लोग व्रत रखते हैं।
नवरात्रि का शुभ मंत्र क्या है (Which mantra good for Navratri)
नवरात्रि में ओम दम दुर्गायै नमः, ओम सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सार्वार्थ साधिके शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणी नमोस्तुते या या देवी सर्व भुतेषू शक्ति रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः मंत्र का जाप करना चाहिए।
चैत्र नवरात्रि में देवी दुर्गा के किन नौ रूपों की पूजा की जाती है
चैत्र नवरात्रि के नौ दिनों में क्रमशः माता शैलपुत्री, माता ब्रह्मचारिणी, माता चंद्रघंटा, माता कुष्मांडा, माता स्कंदमाता, माता कात्यायनी, माता कालरात्रि, माता महागौरी और माता सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। जिस दिन दो तिथि रहती है, उस दिन दो शक्तियों की पूजा की जाती है।
कौन सी नवरात्रि अधिक महत्वपूर्ण है
शारदीय नवरात्रि आम तौर पर अधिक व्यापक रूप से मनाई जाती है।
अखंड ज्योति बुझ जाए तो क्या करें
नवरात्रि के पहले दिन अखंड ज्योति भी जलाई जाती है। यह नवमी को कन्या पूजन तक जलते रहना शुभ माना जाता है। इसके लिए समय से पहले तक तेल या घी दीपक में डालते रहना चाहिए। लेकिन कई बार गलती से अखंड ज्योति बुझ जाती है। पहले तो ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए कि ऐसी स्थिति न आए और हो जाए तो माता से क्षमा याचना करके उसे फिर से जलाना चाहिए।
क्यों करते हैं कलश स्थापना (Why Kalash Sthapana In Navratri)
हिन्दू शास्त्रों के अनुसार किसी भी पूजा से पहले गणेशजी की आराधना करते हैं। लेकिन कई लोगों के मन में सवाल आता है कि नवरात्रि में कलश स्थापना क्यों की जाती है। पौराणिक मान्यता के अनुसार कलश भगवान विष्णु का रूप होता है। इसलिए लोग देवी की पूजा से पहले कलश का पूजन करते हैं। पूजा स्थान पर कलश की स्थापना करने से पहले उस जगह को गंगा जल से शुद्ध किया जाता है और फिर पूजा में सभी देवी -देवताओं को आमंत्रित किया जाता है।कम समय में दुर्गाजी की आराधना का मंत्र क्या है (Ek Shloki Durga Saptashati Mantra)
कई लोगों के पास समय कम होता है। ऐसे लोगों के लिए भी मंत्र है। ये लोग नियमानुसार एक श्लोकी सप्तशती मंत्र का पाठ कर सकते हैं। मान्यता है कि इससे संपूर्ण दुर्गासप्तशती पाठ का फल मिल जाता है। यह विद्यार्थियों के लिए विशेष रूप से अच्छा होता है। इसलिए इस मंत्र को जपना चाहिए।
एक श्लोकी दुर्गासप्तशती मंत्र
या अंबा मधुकैटभ प्रमथिनी,या माहिषोन्मूलिनी,
या धूम्रेक्षण चन्ड मुंड मथिनी,या रक्तबीजाशिनी,
शक्तिः शुंभ निशुंभ दैत्य दलिनी,या सिद्धलक्ष्मी: परा,
सादुर्गा नवकोटि विश्व सहिता,माम् पातु विश्वेश्वरी