जल जमाव, कई जगह पेड़ गिरे
सोमवार रात के बाद मंगलवार रात को भी नवरंगपुरा, उस्मानपुरा, वाडज, थलतेज, सोला सहित कई इलाकों में बारिश हुई। इसके चलते कुछ निचले इलाकों में जल जमाव की स्थिति देखी गई। कई जगहों पर पेड़ टूट कर सड़क पर गिर गए, जिसके चलते रास्ता जाम हो गया। ट्रैफिक पुलिस और मनपा की टीमों ने मौके पर पहुंचकर पेड़ों को काटकर रास्ता साफ किया और ट्रैफिक को सुचारू कराया। वहीं जल जमाव वाले क्षेत्रों में मनपा टीम के कर्मचारियों ने स्ट्रॉर्म वॉटर-सीवरेज लाइन के ढक्कन खोले।
बारिश संबंधी हादसों के मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख की मिले मदद: चावडा
फसल बीमा योजना शुरू करने की भी मांग कीअहमदाबाद. गुजरात में आंधी व बेमौसम बारिश के कारण कृषि फसलों व बागवानी को भारी नुकसान हुआ है। राज्य भर में हुए नुकसान का तत्काल सर्वे कर किसानों को मदद के लिए राहत पैकेज की घोषणा की जानी चाहिए। साथ ही आंधी-बारिश संबंधित हादसों में दो दिन में मारे गए 14 लोगों के परिजनों को 10-10 लाख रुपए की सहायता दी जाए। गुजरात विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता अमित चावड़ा ने यह ये मांगें सरकार के समक्ष रखीं।कांग्रेस नेता चावड़ा ने मंगलवार को विधानसभा में मीडिया के समक्ष कहा कि गुजरात में पिछले दो दिनों से आंधी, बारिश व ओला वृष्टि से फसलों व अन्य नुकसान हुआ है। साथ ही अनेक लोग हताहत भी हुए हैं। उन्होंने कहा कि मौसम विभाग के पूर्वानुमान के तहत सरकार को तैयारी करनी थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। ऐसे में लोगों को जागरूक नहीं किया जा सका और जानमाल का नुकसान हआ।
तैयार फसलों में भारी नुकसान
चावड़ा के अनुसार खेतों में तैयार खड़ी बाजरा, ज्वार, मक्का, मूंग और अन्य ग्रीष्मकालीन फसलों को भी भारी नुकसान हुआ है। इतना ही नहीं कई किसानों की फसल उस समय भी भीग गई जब वे बेचने जा रहे थे। । गुजरात में आम की फसल पहले से ही प्रभावित हुई थी। अब आंधी बारिश के कारण और नुकसान हो गया। उन्होंने मांग की कि सरकार को ऐसे किसानों को मदद चुकानी चाहिए। कई जगहों पर मकान ढह गए तो कई जगहों पर सोलर पैनल भी गिर गए। उन्होंने यह भी मांग की कि सरकार को इस तरह की आपदाओं के बारे में पहले से सटीक पूर्वानुमान देना चाहिए।