इस संबंध में मुख्य आरोपी हितेश उर्फ अमित संघवी (जैन) (35) को गिरफ्तार कर लिया है। 5 आरोपी फरार हैं। हितेश मूलरूप से राजस्थान के बाडमेर जिले के ढाळी बाजार कर्मूजी की चाली का रहने वाला है। अहमदाबाद शहर में शाहीबाग घोडा कैंप के पास नीलकंठ पार्क-1 में रहता है।जोन-2 के उपायुक्त भरत राठौड़ ने संवाददाताओं को बताया कि बोरी से शव मिलने की गंभीर घटना में चुनौती शव के शिनाख्त की थी। इसके लिए 15-20 दिन में शहर में लापता हुए लोगों की जानकारी मांगी और सभी के परिजनों से संपर्क किया। शव दिखाया। ऐसे में मृतक की शिनाख्त सिंगरवा निवासी आकाश पवार (24) के रूप में हुई।
घर से लेकर इंदिराब्रिज तक 500 सीसीटीवी खंगाले
आकाश के पिता ने बताया कि आकाश एक मई की दोपहर को बाइक लेकर घर से निकला था। ऐसे में उसके घर से लेकर इंदिराब्रिज के नीचे शव मिलने तक के 500 सीसीटीवी कैमरों के फुटेज को खंगाला। पता चला कि आकाश घर से निकलकर शाहीबाग नमस्ते सर्कल स्थित सुमेल-11 के एफ ब्लॉक में दूसरी मंजिल पर जा रहा है। आकाश की बाइक को कोई अन्य व्यक्ति रात में ले जाते दिखा। उसने ब्लू रंग की शर्ट व जींस पहनी थी। यह व्यक्ति अन्य सीसीटीवी कैमरों में भी कैद हुआ। ऐसे में उसे चिन्हित कर पकड़ लिया। इसका नाम हितेश उर्फ अमित संघवी है।
आकाश के पैसे मांगने से परेशान होकर की हत्या
हितेश ने पूछताछ में कबूला कि उसने आकाश की हत्या की है। उसने आकाश से पैसे उधार लिए थे। पैसों की उगाही के लिए आकाश उसके घर, ऑफिस में आ जाता था। जिससे वह परेशान हो गया था। उसके पास देने को अभी पैसे नहीं थे, ऐसे में उसने आकाश की हत्या की योजना बनाई। उसने बाडमेर निवासी मित्र टिमलेश, हीराराम, सुमेल-11 में सिक्योरिटी गार्ड विनय कुमार से बात की। इनके राजी होने पर बाडमेर से दो और मित्रों रावताराम शंकरलाल तथा हेमाराम कोशलाराम को बुलाया। इन 6 लोगों ने आकाश को सुमेल-11 में दुकान नंबर 237-38 में बुलाकर रस्सी से हाथ पैर बांध दिए। उसका मुंह और गला दबाकर हत्या कर दी। बाद में शव को बोरी में पैक किया और लगेज ट्रॉली से लिफ्ट के जरिए बेसमेंट में ले गए। वहां से कार में डाला। हितेश व हीराराम कार में शव को लेकर इंदिराब्रिज के पास गए वहां छठ घाट के पास नदी में फेंक दिया।