केवल बकरियां ही घर लौटी
हादसे में मृत सिमरन के पिता सलीम के मुताबिक, उसकी पुत्री 7वीं कक्षा में पढ़ती थी। सिमरन ने कहा था कि बकरियां चराने जाना है और शाम 5 बजे तक लौटेगी। 6 बजे तक बकरियां घर लौट आई लेकिन पुत्री नहीं लौटी इसलिए बाइक से ढूंढने गया।
चप्पल व लकडि़यों से लगा पता
मृतकों के परिजन इस्माइल के मुताबिक, शनिवार-रविवार को अवकाश के दिन पूरा परिवार बकरियां चराने गया। शाम 6 बजे बकरियां घर लौट आई, परिवार के सदस्य नहीं आए। गांव के लोग दौड़कर तालाब किनारे पहुंचे। वहां चप्पल और लकडि़यां पड़ी थी। तब पता लगा कि बच्चे तालाब में डूब गए। रविवार रातभर गांव में शोक का माहौल रहा।
एक साथ निकले जनाजे
पांचों मृतकों के शव का पोस्टमार्टम करने के बाद परिजनों को शव सौंप दिए गए। सोमवार सुबह पांचों मृतकों के जनाजे एक साथ निकले। इस दौरान परिजनों सहित पूरे गांव के लोग शामिल हुए, उनका रुदन फूट पड़ा। गांव के कब्रस्तान में पांचों मृतकों के शव को दफनाया गया। इस दौरान माहौल गमगीन हो गया।