पुलिस ने घेराबंदी कर एक तस्कर को गिरफ्तार कर गोवंश को मुक्त कराया। साथ ही पिकअप को जब्त किया। जिसमें से देशी शराब के पव्वों की दो पेटी, एक देशी कट्टा और कारतूस बरामद किए। पिकअप में प्लास्टिक के कैरेट में पत्थर भरे हुए थे। अरावली विहार थानाधिकारी रामेश्वर लाल ने बताया कि घटना रात करीब ढाई बजे की है। गोतस्करों की सूचना मिलने पर रात्रि गश्त में मौजूद थाने के हैडकांस्टेबल घनश्याम मीणा ने एसएमडी चौराहे के निकट गोतस्करों की गाड़ी को रुकवाने का प्रयास किया, लेकिन गोतस्कर पुलिस पर पथराव और फायरिंग करते हुए भवानी तोप चौराहा की तरफ भागे।
इस दौरान पिकअप रूपबास रोड पर सरस डेयरी की दीवार से जा टकराई। इसके बाद पुलिस ने घेराबंदी कर पिकअप को पकड़ लिया, लेकिन चार गोतस्कर फरार हो गए। जबकि पिकअप चालक जुबेर खां (28) पुत्र दीन मोहमद निवासी ताजू का बास-तिजारा को गिरतार कर लिया। पुलिस ने गोवंश को मुक्त करा मालिकों को सुपुर्द कर दिया।
तिजारा कोर्ट में पुलिस पर फायरिंग कर छुड़ा ले गए थे, एसपी को हटाना पड़ा
पुलिस ने वर्ष 2013 में अरशद और मित्तल समेत गिरोह के चार बदमाशों को गिरफ्तार किया था। पुलिस उन्हें तिजारा कोर्ट में पेश करने ले जा रही थी। गिरोह के अन्य बदमाशों ने तिजारा कोर्ट परिसर में ही पुलिस की गाड़ी पर फायरिंग कर दी थी और अरशद समेत चार बदमाशों को छुड़ाकर ले गए थे। इस घटना के दौरान तत्कालीन जिला पुलिस अधीक्षक संतोष चालके ज्वाइन करने से पहले ही सीधे घटनास्थल पर पहुंचे। इस घटना के पांच-छह दिन बाद ही एसपी संतोष चालके को अलवर से हटा दिया गया था।
पिकअप में सवार था गैंग का सरगना अरशद
जानकारी के अनुसार शहर में गोतस्करी की वारदात को अंजाम देने के लिए गैंग का सरगना अरशद खुद अपने साथियों के साथ आया था। पुलिस की घेराबंदी को देख अरशद, अतर उर्फ मित्तल, जमशेद बिंजारा और अरशद का भतीजा पिकअप में से उतरकर भाग गए। गिरफ्तार किया गया आरोपी जुबेर खां कुछ समय पहले ही अरशद गैंग से जुड़ा है। उसके खिलाफ दौसा के लालसोट थाने में पुलिस पर गाड़ी चढ़ाने पर राजकार्य में बाधा और हत्या के प्रयास का प्रकरण दर्ज है। पुलिस की ओर से जब्त की गई पिकअप जुबेर की है।
जेल से छूटते ही फिर अपराध करने लगी गैंग
करीब एक दशक पहले तिजारा के पालपुर की अरशद गैंग काफी कुख्यात थी। अरशद समेत गिरोह के अन्य सदस्यों के खिलाफ चोरी, लूट, डकैती, गोतस्करी, फायरिंग व राजकार्य में बाधा सहित दर्जनों आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं। करीब एक दशक पहले पुलिस ने अरशद समेत गिरोह के अन्य बदमाशों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। जेल से बाहर आने के बाद अरशद और खास गुर्गे अतर उर्फ मित्तल ने फिर से गैंग बना ली और अपराध शुरू कर दिए हैं।