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नौनिहाल कागजों में बन रहे समाजसेवी, कुछ स्कूलों में फरमानों की पालना, कई में ढिलाई

विद्यालयों में समाजसेवा शिविरों के आयोजन में लग रहे खानापूर्ति के आरोप

अलवरMay 20, 2025 / 07:43 pm

Ramkaran Katariya

नौगांवा. इन दिनों स्कूली बच्चों में समाजसेवा की भावना जाग्रत करने सहित उन्हें अच्छा नागरिक बनाने के लिए विद्यालयों में समाजसेवा शिविरों के आयोजन हो रहे हैं, लेकिन आरोप है कि इनमें केवल कागजी खानापूर्ति की जा रही है।गौरतलब है कि सभी उमावि में ग्रीष्मावकाश में कक्षा 11 में उत्तीर्ण विद्यार्थियों का 15 दिवसीय समाजसेवा शिविर लगाया जाना है। अधिकतर विद्यालयों ने इसकी तिथि विभाग को 17 से 31 मई तक दे रखी है, लेकिन अधिकतर विद्यालयों में ये शिविर केवल कागजों में ही चल रहे हैं। कुछ चंद विद्यालय इसका लाभ स्कूली बच्चों को दिला पा रहे हैं और विभाग के फरमानों की पालना करने में लगे हैं, नहीं तो बाकी विद्यालयों में ये सरकारी फरमान हवा हवाई हो रहे हैं।ब्लॉक मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय की ओर से समाजसेवा शिविर के बारे में जानकारी भी मांगी जा रही है। अब अंतिम तिथि 31 मई या उससे एक दो दिन पूर्व विद्यालय में स्कूली बच्चों को बुलाकर खानापूर्ति कर विभाग को इसकी सूचना भिजवा देंगे। इस सम्बन्ध में गोविन्दगढ़ ब्लाॅक सीबीईओ विश्वजीत सिंह की ओर से सोमवार को ही इन शिविरों का औचक निरीक्षण भी किया था। लापरवाही करने पर विद्यालय संस्था प्रधानों को फटकार भी लगाई और नोटिस भी जारी किया।कुछ विद्यालय ही कर रहे नजीर पेश
सूत्रों के अनुसार कुछ विद्यालय ऐसे भी हैं, जो बच्चों को समाजसेवा के गुर सिखाने के अलावा अन्य विद्यालयों के लिए नजीर पेश कर रहे हैं। गोविन्दगढ़ ब्लाॅक का राउमावि चिडवाई में इन शिविरों का बखूबी संचालन कर रहे हैं। इसी प्रकार जिन्दोली का पीएम श्री राउमावि में समाजसेवा शिविर का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें बच्चों को अलग-अलग गतिविधियों के माध्यम से समाजसेवा सिखाने, शिक्षाविदों और होनहार छात्रों के माध्यम से उन्हें हर क्षेत्र का ज्ञान देने की कोशिश कर रहे हैं। इसी प्रकार रामगढ़ ब्लाॅक के कुछ विद्यालयों में भी शिविर लगाया जा रहा है।
सरकारी खजाने को भी नुकसान

शिविर में ड्यूटी दे रहे शिविर प्रभारी सहित दल नायक को पीएल यानि उपार्जित अवाकश का लाभ मिलता है। राजस्थान सेवा नियम 92 बी के अनुसार प्रति तीन दिवस ड्यूटी देने पर एक उपार्जित अवकाश उसकी सेवा पुस्तिका में इन्द्राज हो जाती है। ऐसे में 15 दिन के शिविर में 5 उपार्जित अवकाश का लाभ शिविर प्रभारी को मिलेगा, जिसे सरेण्डर करने पर हजारों की राशि प्राप्त होती हैं। आरोप है कि शिविर का आयोजन नहीं कर कर्मचारी उपार्जित अवकाश के नाम पर सरकारी खजाने को भी चपत लगा रहे हैं।
परीक्षा परिणाम में भी समाजसेवा योजना का प्रावधान

जानकारों के अनुसार विद्यालय चाहे सरकारी हो अथवा निजी कक्षा 12 के परीक्षा परिणाम में समाजसेवा योजना के अंकों का प्रावधान है। जिसमें कुल अंक 100 निर्धारित किए गए है। विद्यालयों को प्रत्येक छात्र के सत्रांक के रूप में इन्हें बोर्ड को प्रेषित करना होता है। ऐसे में निजी और सरकारी विद्यालय इन शिविरों में तो कागज पूर्ति करते ही है, वहीं सत्रांकों में भी पूरे अंक भेज कर खानापूर्ति करते हैं।
कार्रवाई अमल में लाई जाएगीसमाजसेवा शिविर के संदर्भ में विभागीय निर्देशों की पालना जिन विद्यालयों में नहीं की जा रही, उन विद्यालयों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।मुकेश किराड़ अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी, अलवर।

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