गौरतलब है कि शिक्षा विभाग ने फरवरी माह में प्रधानाचार्य से डीईओ पद की 2023-24 व 2024-25 की दो सत्रों की पदोन्नति की थी। इनमें 2023-24 के 182 व 2024-25 के 147 सहित कुल 339 प्रधानाचार्य को डीईओ पद पर पदोन्नत किया था। 11 फरवरी को हुई इस पदोन्नति के बाद से उनका पदस्थापन नहीं किया गया। पदस्थापन नहीं होने तक विभाग ने उन्हें अपने स्कूल में ही यथावत रहने के निर्देश दिए, जिसके कारण लगभग सभी पदोन्नत शिक्षा अधिकारी इन दिनों ग्रीष्मकालीन अवकाश पर चल रहे हैं।पदोन्नति के बाद पदस्थापन न मिलने से शिक्षा विभाग में जिले के कई कार्यालय भी अधिकारियों के बगैर संचालित हो रहे हैं। लम्बे समय से अधिकारी के आने की बांट जोह रहे हैं। अलवर जिले के 9 ब्लाँक में से केवल 4 ब्लाॅक उमरैण, गोविन्दगढ़, राजगढ़ और रैणी में ही स्थाई सीबीईओ कार्यरत है। रामगढ़ ब्लाॅक में सीबीईओ का पद रिक्त होने से चार्ज एसीबीईओ रमेश गांधी को दिया हुआ है। लक्ष्मणगढ़ में भी सीबीईओ का कार्यभार एसीबीईओ हरिओम खण्डेवाल को, मालाखेड़ा में सीबीईओ का कार्यभार प्रधानाचार्य भगवानसहाय शर्मा को, थानागाजी में सीबीईओ का चार्ज एसीबीईओ महेन्द्र मीणा को और कठूमर में कैलाश मीणा को सीबीईओ पद पर कार्य व्यवस्थार्थ लगाया हुआ है। इसी प्रकार अलवर के जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक और प्रारम्भिक कार्यालय लम्बे समय से बगैर स्थायी अधिकारी के कार्यवाहक अधिकारयों के भरोसे ही चल रहे हैं। माध्यमिक शिक्षा में जहां मनोज कुमार शर्मा एडीपीसी समसा को जिला शिक्षा अधिकारी का भार दिया हुआ है, वहीं प्रारम्भिक शिक्षा में डाइट प्राचार्य सुबेसिंह यादव को कार्यभार सौंप रखा है। जिसके कारण इन्हें दो विभागों की जिम्मेदारी का निर्वहन करना पड रहा है।
जल्द पदस्थापित करना चाहिएडीईओ की कमी से कई जिलों में काम प्रभावित हो रहा है। पदोन्नति के साथ ही उनका पदस्थापन होता तो विभागीय कार्यों के साथ मॉनिटरिंग व्यवस्था मजबूत होती। सरकार को अब भी उन्हें जल्द पदस्थापित करना चाहिए, ताकि नए सत्र से पहले विभागीय कार्य योजनाओं को अमलीजामा पहनाया जा सके।कृष्णलाल गोदारा, प्रदेशाध्यक्ष राजस्थान शिक्षा सेवा संघ (रेसा)