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तस्लीम को पेट्रोल की गंध के बिना नहीं मिलती ‘तसल्ली’, बचपन से ही बाइक के पास बैठे रहने से लगी लत

-प्रकृति ने इस बच्चे को सुनने और बोलने की शक्ति भी नहीं दी,

-मूक व बधित बालक को समाज कल्याण विभाग की योजनाओं का भी नहीं मिल रहा लाभ

अलवरApr 23, 2025 / 03:47 pm

Ramkaran Katariya

मालाखेड़ा. उपखंड क्षेत्र की दादर ग्राम पंचायत में एक बालक ऐसा भी है, जिसे पेट्रोल की उतनी ही आवश्यकता है, जितनी की वाहन को चलाने के लिए होती है। दादर में 5 वर्ष से निवास कर रहे अख्तर खान के पुत्र तस्लीम को पेट्रोल की गंध नहीं मिलती, तब तक उसे तसल्ली नहीं होती। इसके बिना वह बेचैन हो जाता है। प्रकृति ने इसे सुनने और बोलने की शक्ति भी नहीं दी। वह से मूक व बधिर है। बचपन से ही बाइक के समीप बैठकर पेट्रोल की गंध लेने की लत उसे ऐसी लगी कि वह अब इसकी आदत में शुमार हो गई। अब पेट्रोल नाक और मुंह के लगाए बगैर वह श्वास भी नहीं ले सकता है। यह बालक अब बगैर पेट्रोल की गंध के चल भी नहीं पाता है। जिस प्रकार वाहनों के लिए पेट्रोल की जरूरत होती है, उसी प्रकार से इस बच्चे को भी पेट्रोल की आवश्यकता बनी रहती है। खाना तो नाम मात्र का ही खाता है।अख्तर खान का कहना है उसका पुत्र तस्लीम मूक व बधिर होने के साथ यह पहले घर में बाइक के पास बैठकर पेट्रोल की गंध लेता था, जो अब उसकी आदत बन गई। बगैर पेट्रोल की गंध के यह रह नहीं पाता है। पेट्रोल पंप पर तस्लीम किसी के साथ चलकर पहुंच गया। जहां पेट्रोल की गंध लेता रहा। वहां से जाने का नाम नहीं लेता। पंप के कर्मचारी अब्दुल ने बताया कि इसके माता-पिता निर्धन है। पिता मजदूरी करता है और पेट्रोल में जब तक तीव्र गंध रहती है, तब तक पेट्रोल की बोतल को यह नाक और मुंह से लगाए रहता है। इसके बगैर इसका जीवन नहीं चल पा रहा। इसे आर्थिक सहयोग और उपचार की जरूरत है।
अख्तर खान का मूल गांव रामगढ़ का चिड़वाई सिरमौरअख्तर खान का मूल गांव रामगढ़ का चिड़वाई सिरमौर है। वही का आधार तथा राशन कार्ड है, जो कोई लाभ नहीं मिलता है। अख्तर परिवार को पालने के लिए मजदूरी की तलाश में मालाखेड़ा के दादर क्षेत्र में रहकर अपना जीवन-यापन कर रहा है। बालक की माता ने बताया कि उसका परिवार निर्धन है। पति मजदूरी करते हैं। उससे गुजारा होता है। परिवार 5 साल से दादर ग्राम पंचायत क्षेत्र में निवास कर रहा है, लेकिन उसका यहां राशन कार्ड नहीं बना है। यह भूमि और भवनहीन है। रिश्तेदारों ने उसके लिए एक आशियाना खड़ा किया है। उसमें वह निवास करता है।
………………उपचार में सहयोग किया जाएगा।पेट्रोल की तीव्र गंध शरीर के फेफड़े पर सीधा असर डालती है। इससे लीवर भी संक्रमित होता है। बालक का उपचार जरूरी है। अस्पताल में आकर उनके परिवार के लोग संपर्क करेंगे तो उपचार में सहयोग प्रदान किया जाएगा।
लोकेश मीणा ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी, मालाखेड़ा।

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