लोगों ने उठाया मेला का लुत्फ अमरकंटक में महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है क्योंकि मां नर्मदा को भगवान शिव की पुत्री माना जाता है। अन्य नदियों से विपरीत, नर्मदा नदी से प्राप्त शिवलिंग स्वरूप पत्थरों को विशेष मान्यता प्राप्त है, क्योंकि ये स्वयं प्राण-प्रतिष्ठित होते हैं। यही कारण है कि देश-विदेश के शिव भक्त इस पर्व पर अमरकंटक की यात्रा को पवित्र मानते हैं। मेले में श्रद्धालुओं के मनोरंजन के लिए विभिन्न झूले और सर्कस लगाए गए, जिनमें आकाश झूला, सुपर ड्रैगन ट्रेन झूला और नाव झूला प्रमुख आकर्षण रहे। मेले में विभिन्न प्रकार की दुकानें लगी हुई थीं, जहां खाने-पीने की चीजों से लेकर पारंपरिक हस्तशिल्प, धार्मिक वस्तुएं, खिलौने और वस्त्र उपलब्ध थे।
भोलेनाथ का किया जलाभिषेक शिवरात्रि के अवसर पर भगवान शिव की विशेष आराधना की गई, जिसमें भजन-कीर्तन और रात्रि जागरण का आयोजन किया गया। श्रद्धालुओं ने मंदिरों में जलाभिषेक और पूजन कर महादेव का आशीर्वाद प्राप्त किया। संपूर्ण अमरकंटक नगर भक्तिमय माहौल में डूबा रहा, जहां आस्था, श्रद्धा और उल्लास का अद्भुत संगम देखने को मिला।