इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों की बिक्री में उछाल
सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) के तजा आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2025 में अब तक भारत में लगभग 1.05 लाख हाइब्रिड गाड़ियां और 1.18 लाख इलेक्ट्रिक वाहन बिक चुके हैं। इसके मुकाबले पेट्रोल वाहनों की बिक्री में 6.6% की गिरावट दर्ज की गई है जो अब घटकर 24.82 लाख यूनिट रह गई है। यह बदलाव न सिर्फ बाजार की दिशा को दिखाता है बल्कि आने वाले समय में वाहन निर्माण की दिशा भी तय करता है।
कंपनियों ने बढ़ाया हाइब्रिड पर फोकस
बढ़ती मांग को देखते हुए ऑटो कंपनियों ने भी अपनी रणनीति में बदलाव शुरू कर दिया है। मारुति सुजुकी, होंडा, महिंद्रा, किआ और हुंडई जैसी कंपनियां अब हाइब्रिड सेगमेंट को मजबूत करने पर जोर दे रही हैं। मारुति जल्द ही एक नई हाइब्रिड SUV (कोडनेम Y17) लॉन्च करने की तैयारी में है। वहीं होंडा की सिटी हाइब्रिड की हिस्सेदारी 15% तक पहुंच चुकी है जो पहले केवल 9-10% के बीच थी।
CAFE-III Norms लाने की तैयारी में सरकार
सरकार अब भारत में CAFE-III (कॉरपोरेट एवरेज फ्यूल एफिशिएंसी) मानकों को लागू करने की योजना पर काम कर रही है। इन नए नियमों का उद्देश्य वाहन निर्माताओं को ज्यादा फ्यूल एफिशिएंट और कम प्रदूषण फैलाने वाले वाहन बनाने के लिए प्रेरित करना है। CAFE-III के तहत कंपनियों को अपनी गाड़ियों की एवरेज फ्यूल इकोनॉमी को एक तय मानक के भीतर लाना होगा जिससे ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम किया जा सके।
CAFE-III Norms क्या हैं?
CAFE यानी Corporate Average Fuel Efficiency नियमों का तीसरा चरण (CAFE-III) वाहन निर्माताओं के लिए अनिवार्य करेगा कि वे अपनी गाड़ियों की औसत फ्यूल एफिशिएंसी को और बेहतर बनाएं और CO₂ उत्सर्जन को कम करें। इसका सीधा असर यह होगा कि कंपनियों को अधिक फ्यूल एफिशिएंट, हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री बढ़ानी होगी। यह नियम वर्ष 2027-28 तक लागू हो सकते हैं और इनका उद्देश्य भारत को क्लीन मोबिलिटी की दिशा में आगे ले जाना है।
चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर बना चुनौती
हालांकि इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए सरकार ने टैक्स में छूट, रोड टैक्स माफी और FAME स्कीम जैसी कई सुविधाएं शुरू की हैं, लेकिन अब भी देश में चार्जिंग स्टेशनों की कमी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। यही कारण है कि हाइब्रिड गाड़ियां फिलहाल ग्राहकों के लिए एक बेहतर और व्यावहारिक विकल्प बनकर उभर रही हैं क्योंकि ये दोनों इंजन (पेट्रोल + बैटरी) का संयोजन देती हैं।