साक्षात्कार : पशु चिकित्सा शिक्षा को नए आयाम देने के होंगे प्रयास: कुलपति त्रिभुवन शर्मा
नवनियुक्त कुलपति प्रोफेसर त्रिभुवन शर्मा ने पत्रिका से खास बातचीत
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नवनियुक्त कुलपति प्रोफेसर त्रिभुवन शर्मा
जयपुर. राज्य में अब दो वेटरनरी विश्वविद्यालय हो गए हैं जिसमें एक जोबनेर स्थित वेटरनरी विश्वविद्यालय है। राज्यपाल ने हाल ही में प्रोफेसर त्रिभुवन शर्मा को जोबनेर वेटरनरी विश्वविद्यालय का प्रथम कुलपति नियुक्त किया है। विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले जिलों और क्षेत्र में पशु चिकित्सा और पशुपालकों के उन्नयन को लेकर नवनियुक्त कुलपति प्रोफेसर त्रिभुवन शर्मा ने पत्रिका से खास बातचीत की।
प्रोफेसर शर्मा ने बताया कि यह राजस्थान का दूसरा वेटरनरी विश्वविद्यालय है। ऐसे में इस विवि. से जुड़ने वाले जिलों और क्षेत्र के पशुपालकों किसानों को विश्वविद्यालय से काफी उम्मीदें हैं। ऐसे में किसानों और पशुपालकों को विवि. से किस तरह लाभ प्राप्त हों इसके प्रयास किए जाएंगे। कृषि की सकल घरेलू आय का 50 प्रतिशत पशुपालन से आता है। ऐसे में पशुपालन में प्रति पशु उत्पादन उत्पादकता बढ़ाने की गुंजाइश बहुत अधिक है। छोटे-छोटे वैज्ञानिक तकनीकी शिक्षा किसानों पशुपालकों को देने का प्रयास करेंगे ताकि किसान अपनी आय को दोगुना कर सकें। उन्होंने कहा कि हमारा ध्यान इस तरफ रहेगा कि पशुपालकों को अधिक से अधिक प्रशिक्षित किया जाए, उन्हें तकनीकी ज्ञान दें ताकि पशुओं की उत्पादकता बढ़ाकर उत्पादन बढ़ाया जाए ताकि आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकें।
पशुधन बढ़े, मिले बेहतर उपचार
चिकित्सा शिक्षा के बारे में प्रोफेसर शर्मा ने बताया कि हमारी चिकित्सा शिक्षा अंतरराष्ट्रीय स्तर की हो चुकी है। ऐसे में चिकित्सा सुविधा के लिए हमारे यहां अध्ययन कर रहे विद्यार्थियों को राष्ट्रीय के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षा प्राप्त हो ताकि पशुओं का अच्छे से उपचार कर सकें, इसके प्रयास किए जाएंगे। इलाज के साथ पशु भी बचें और उत्पादन में भी वृद्धि हो ताकि पशुपालक की आजीविका में भी वृद्धि हो। पशु के स्वास्थ्य लाभ के साथ दुग्ध उत्पादन में वृद्धि हो, इसके लिए विद्यार्थियों को अच्छी तकनीकी शिक्षा प्रदान करेंगे। पशुपालकों की परेशानियों का अध्ययन कर वैज्ञानिक समाधान ढूंढने के प्रयास करेंगे।
पशुओं की बीमारियों पर होगा अनुसंधान
पशुओं में विशेष बीमारियों के बारे में कुलपति ने कहा कि अलग-अलग क्षेत्र में पशुओं में कई बीमारियां होती हैं। ऐसे में बीमारियों को जड़ से खत्म करने के लिए विश्वविद्यालय विशेष अनुसंधान करेगा। सॉर्टेड सीमन के बारे में कुलपति ने कहा कि सॉर्टेड सीमन आम किसान तक पहुंचे, इसके लिए पशुपालन विभाग से सामंजस्य स्थापित कर सरकार के माध्यम से तकनीकी इनपुट प्रदान करेंगे। गोशालाओं में तकनीकी ज्ञान दिया जाएगा।
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