इस गैंग के सदस्य वॉट्सऐप पर अनजान नंबरों से कॉल करते थे। एक लड़की फोन पर बात करती।
अश्लील बातों में उकसाती, फिर इसी का वीडियो बनाकर पूरा गैंग उस व्यक्ति को ब्लैकमेल करता। पैसे न देने पर वीडियो वायरल कर बदनाम करने की धमकी देता। आरोपी सामने वाले को डराने के लिए खुद को पुलिस अधिकारी बताते हुए पीड़ितों से पैसे वसूलने का काम भी करते थे। वे उन्हें धमकी भी देते थे कि अगर पैसे न दिए तो थाने में रिपोर्ट दर्ज कर दी जाएगी। इस डर से कई पीड़ितों ने लाखों रुपए गैंग को दिए।
16 जनवरी को ऐसे ही एक पीड़ित थाने पहुंचे। उसने बताया कि रात 9 बजे एक अनजान लड़की का वॉट्सऐप कॉल आया था। लड़की ने उसे धमकी देते हुए कहा कि उसने अश्लील हरकत की है। इसका वीडियो उसके पास है। लड़की ने उसे बताया कि अगर वह पैसे नहीं देगा, तो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर देगी। इसके बाद दो और अनजान लोग खुद को पुलिस अधिकारी बताते हुए पीड़ित को कॉल करने लगे। उसके खिलाफ थाने में मामला दर्ज करने की धमकी दी। इससे डरकर पीड़ित ने आरोपियों को 6.83 लाख दे दिए।
दूसरे राज्यों में भी फैला है नेटवर्क
यह गैंग इंटरनेट के जरिए लोगों को अपना शिकार बनाता था। वे सोशल मीडिया पर धमकियां देने के लिए न्यूड वीडियो और अश्लील फोटो का इस्तेमाल करते थे। पुलिस की जांच से साफ है कि यह गैंग बड़े स्तर पर सक्रिय था। इसके सदस्य कई राज्यों में फैले हुए थे। आरोपियों की गिरफ्तारी से पुलिस को इनके नेटवर्क के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारी मिली है। उमीद जताई जा रही है कि नेटवर्क से जुड़े और भी मेंबर जल्द कानून के शिकंजे में आएंगे।
धरपकड़ के लिए 2 टीमें बनाई
सिटी कोतवाली पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज होते ही त्वरित जांच व कार्रवाई के लिए 2 टीमें बनाई। दोनों टीमों ने कार्रवाई करते हुए छह आरोपियों को गिरफ्तार किया। एक टीम ने आरोपियों को पूर्णिया, बिहार से पकड़ा। जबकि दूसरी टीम ने नूह, हरियाणा से एक आरोपी को गिरफ्तार किया। आरोपियों से पूछताछ में उन्होंने स्वीकार किया कि गैंग के रूप में उन्होंने ये सब किया। उन्होंने पीड़ितों को वॉट्सऐप कॉल के जरिए डराया। फिरौती वसूल की। गिरफ्तार आरोपियों में कुलदीप सिंह (32) हरियाणा के गुड़गांव का रहने वाला है। बाकी 5 आरोपियों में बैकुंठ कुमार (26), राजेश कुमार (23), सावन कुमार (24), निशु कुमार (20), शशि कुमार (21) बिहार में पूर्णिया जिले के रहने वाले हैं। इन सभी के खिलाफ सिटी कोतवाली थाने में धारा 318, 308, 319, 351, 4 बीएनएस और 66 आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।