टिकेश्वरी साहू ने थाने में बताया कि शाम 6.30 बजे वह घर पर खाना बना रही थी। बाहर खुले परछी मे उसके ससुर तोरण लाल साहू और बया गांव के छन्नू सोनवानी बैठकर आपस में बात कर रहे थे। छन्नू अचानक उनके पास आए और बताया कि राजू साहू उसके ससुर को डंडे से पीट रहा है। वह परछी में आई तो राजू को डंडे से लगातार ससुर के सिर पर हमला करते देखा। बीच बचाव करने गई तो राजू ने डंडा लहराते उसे और छन्नू को भगा दिया। आसपास के लोगों को बुलाकर किसी तरह ससुर को छुड़ाया और इलाज के लिए अस्पताल ले गए। यहां डॉक्टरों ने तोरण को मृत घोषित कर दिया।
खून से रंगे कपड़े, बबूल का डंडा किया था जब्त
पुलिस ने आरोपी से मेमोरंडम कथन लेखबद्ध कर घटना के समय पहने हुए खून लगा कपड़ा, बबूल का डंडा जब्त कर मृतक का शव पंचनामा बनाया। न्यायालय के समक्ष अभियोजन साक्षियों के बयान पूर्ण होने पर विशेष लोक अभियोजक ने आरोपी को इस आपराध के लिए कठोर दंड से दंडित किये जाने का निवेदन किया।
अपर सत्र न्यायाधीश सतीश कुमार जायसवाल ने प्रकरण की गंभीरता, अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य और गवाहों का परिशीलन करते पर आरोपी द्वारा किया अपराध सिद्ध होना पाया। ऐसे में आरोपी राजू को धारा 302 के तहत
आजीवन कारावास और 1000 रुपए अर्थदंड से दंडित किया गया। शासन की ओर से संजय बाजपेयी ने पैरवी की।