गौरतलब है कि
बलौदाबाजार पालिका चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी हमेशा महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं। पिछली बार 21 वार्डों में से कांग्रेस को 8 और भाजपा को 7 वार्डों में जीत मिली थी। जनता कांग्रेस (जोगी) के 4 पार्षद और निर्दलीय 2 पार्षदों को जोड़कर भाजपा ने सत्ता में अपनी पकड़ बनाई थी। इस बार भी पालिका के छह वार्डों में निर्दलीय प्रत्याशियों की महत्वपूर्ण भूमिका देखने को मिल रही है। इन बागी प्रत्याशियों में से कुछ पूर्व पार्षद और कुछ उनकी पत्नियां भी हैं। इसके अलावा कई बूथ अध्यक्षों और उनके परिवारों ने भी टिकट न मिलने पर बगावत कर दी है। इस वजह से चुनावी मुकाबला दिलचस्प हो चला है।
भाजपा ने बागी प्रत्याशियों के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है। भाजपा के जिला अध्यक्ष आनंद यादव ने प्रदेश के आदेशानुसार इन बागी प्रत्याशियों को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। मंडल से शिकायत मिलने के बाद पार्टी ने गहन जांच करते हुए यह निर्णय लेने की बात कही है। निष्कासित होने वाले बागी प्रत्याशियों में बलौदाबाजार पालिका के कई वार्डों के पार्षद, नगर पंचायत के अध्यक्ष और पार्षद प्रत्याशी शामिल हैं। खास बलौदाबाजार की बात करें तो वार्ड 20 के वासुदेव ठाकुर, वार्ड 17 के रितेश यादव, वार्ड 18 के कन्हैया सेन और वार्ड 19 से दुलेश्वर मानिकपुरी जैसे नाम प्रमुख हैं।
भीतरी कलह से यहां बिगड़े समीकरण…
वार्ड 1 (स्वामी विवेकानंद): कांग्रेस से अंजनी गोविंद पात्रे, आम आदमी पार्टी से ममता जगन्नाथ महिलांग और भाजपा से सीमा मनहरे चुनावी मैदान में हैं। कांग्रेस के पूर्व पार्षद गौरीशंकर डहरिया की पत्नी सरोज डहरिया निर्दलीय प्रत्याशी हैं। यह महिला आरक्षित वार्ड है। यहां निर्दलीय प्रत्याशी की भूमिका अहम हो सकती है।
वार्ड 8 (गुरु नानक): कांग्रेस से रामखिलावन पटेल, भाजपा से सतीश पटेल और निर्दलीय प्रत्याशी विजय चंद्राकर मैदान में हैं। विजय ने कांग्रेस से टिकट मांगी। नहीं मिली। इस वार्ड में ओबीसी वोटरों की संया अधिक है। दोनों प्रमुख प्रत्याशी पटेल समाज से होने के चलते विजय कुमार के वोट अहम हो सकते हैं।
वार्ड 18 (डॉ. राम मनोहर लोहिया): कांग्रेस से दिगंबर साहू, भाजपा से नरसिंह वर्मा और निर्दलीय प्रत्याशी कन्हैया सेन मैदान में हैं। कन्हैया पूर्व में सबसे अधिक मतों से चुनाव जीतने वाले पार्षदों में एक रहे हैं। उनके निर्दलीय चुनाव में उतरने से मुकाबला और भी दिलचस्प बन गया है।
वार्ड 17 (रानी दुर्गावती): भाजपा से रितेश श्रीवास्तव, कांग्रेस से शेख सलमान और निर्दलीय प्रत्याशी रितेश यादव चुनाव लड़ रहे हैं। रितेश यादव
भाजपा के पूर्व भाजयुमो पदाधिकारी रहे हैं। उन्हें टिकट नहीं मिला। इस वार्ड में ओबीसी और मुस्लिम मतदाता अधिक हैं। उनका निर्दलीय चुनाव लड़ना मुकाबले को त्रिकोणीय बना रहा है।
वार्ड 20 (शहीद वीर नारायण सिंह): इस वार्ड से कांग्रेस की ममता सुभाष राव और भाजपा की मेघा आनंद वाकड़े चुनावी मैदान में हैं। भाजपा के बूथ अध्यक्ष वासुदेव लाला ठाकुर की प%ी उन्नति ठाकुर भी निर्दलीय उमीदवार के रूप में चुनाव लड़ रही हैं। ऐसे में इस वार्ड का मुकाबला भी रोमांचक हो गया है।
वार्ड 7 (राजीव गांधी): भाजपा से धनीराम मार्के, कांग्रेस से कृष्णा कुमार टंडन और निर्दलीय प्रत्याशी अंजनी भारद्वाज चुनावी मैदान में हैं। अंजनी ने भाजपा से टिकट मांगी थी। टिकट न मिलने के बाद निर्दलीय उमीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहीं हैं। उनका कदम भाजपा की रणनीति पर सवाल उठाता है, क्योंकि अंजनी पहले भी निर्दलीय चुनाव जीत चुकी हैं।
भाजपा ने इन्हें किया निष्काषित…
निलंबित प्रत्याशियों में बलौदाबाजार नगर पालिका से वार्ड 20 के वासुदेव ठाकुर, वार्ड 17 के रितेश यादव, वार्ड 18 के कन्हैया सेन, वार्ड 19 के दुलेश्वर मानिकपुरी, वार्ड ₹मांक 7 के कमल भारद्वाज हैं। इसके अलावा नगर पंचायत सिमगा से अध्यक्ष प्रत्याशी रमेश सोनी, नगर पंचायत टुण्डरा से बागी अध्यक्ष प्रत्याशी प्रवीण कुमार देवांगन और नगर पंचायत कसडोल से अध्यक्ष प्रत्याशी प्रदीप मिश्रा भी निलंबित किए गए हैं।
नगर पंचायत टुण्डरा, सिमगा, कसडोल, और लवन में कई पार्षद उमीदवार भी बागी हो गए थे। इन बागी प्रत्याशियों में मुकेश देवांगन, नंदकुमार बंजारे, रमेश कुमार वर्मा, सुखसागर बंजारे और भुनेश्वर प्रसाद बंजारे, लवन से लक्ष्मी यदु, ओमप्रकाश साहू, अजय साहू, रोहांसी से बागी अध्यक्ष प्रत्याशी नंदकिशोर साहू, बागी पार्षद प्रत्याशी रेवती सोहन पुरेना भी पार्टी से निष्कासित किए गए हैं।