दैनिक यात्रियों की मानें तो बढ़ती महंगाई में किराया वृद्धि आमजन की कमर तोडऩे का काम करेगी। लोग समय की बचत व कम किराए के चलते मेट्रो का उपयोग करने लगे थे। इसी के चलते नम्मा मेट्रो ने पिछले एक साल में राइडर शिप के चार नए कीर्तिमान भी बनाए। मेट्रो की किराया वृद्धि बेंंगलूरु महानगर परिवहन निगम (बीएमटीसी) की वातानुकूलित बसों कि किराए की तुलना में बहुत अधिक है। कैम्पेगौड़ा (मैजेस्टिक) बस स्टैंड से आईटीपीएल तक बीएमटीसी की वातानुकूलित बस का किराया 55 रुपए है जबकि मेट्रो का अधिकतम किराया 90 रुपए हो गया है। किराया वृद्धि को लेकर राजस्थान पत्रिका ने मेट्रो के दैनिक यात्रियों से उनके व्यू जाने।
——————— यात्रियों पर अनुचित बोझ बेंगलूरु मध्य के सांसद पी.सी. मोहन ने कहा कि बीएमआरसीएल की ओर से किराए में की गई बढ़ोतरी बेंगलूरु के नागरिकों पर अनुचित बोझ है, जिससे कई लोग निजी वाहनों का इस्तेमाल करने को मजबूर होंगे और भीड़भाड़ और भी बढ़ जाएगी। इस भारी वृद्धि का क्या औचित्य है। सार्वजनिक परिवहन किफायती होना चाहिए। बीएमआरसीएल को पारदर्शिता सुनिश्चित करनी चाहिए। किराया निर्धारण समिति की रिपोर्ट प्रकाशित करनी चाहिए। यात्रियों के वित्तीय बोझ को कम करने के लिए बीएमआरसीएल को मासिक, त्रैमासिक और वार्षिक पास शुरू करने चाहिए। इससे सार्वजनिक परिवहन के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा। बीएमआरसीएल को नागरिकों की जरूरतों को प्राथमिकता देनी चाहिए और सभी के लिए एक समान, सुलभ और टिकाऊ परिवहन प्रणाली बनानी चाहिए।
————– राजस्व के अन्य स्त्रोत तलाशे निगम बेंगलूरु दक्षिण के सांसद तेजस्वी सूर्य ने कहा है कि बस के बाद अब मेट्रो के किराए में वृद्धि से यात्रियों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ा है और यह सार्वजनिक परिवहन का उपयोग हतोत्साहित करता सकता है। तेजस्वी ने कहा कि कर्नाटक सरकार सार्वजनिक परिवहन को प्रोत्साहित करने और निजी वाहन के उपयोग को हतोत्साहित करने के बजाय मेट्रो किराए में वृद्धि करके बिल्कुल विपरीत कर रही है।तेजस्वी ने कहा कि बेंगलूरु मेट्रो का किराया अन्य मेट्रो शहरों के बराबर होना चाहिए। दिल्ली में यात्री 12 किलोमीटर की यात्रा के लिए 30 रुपए देते हैं, जबकि बेंगलूरु के यात्रियों को 60 रुपए देने होंगे, जो कि दोगुना है। उन्होंने कहा कि देश में कोई भी अन्य मेट्रो इतना अधिक किराया नहीं लेती है। अन्य जगहों पर किराया 60 रुपए से अधिक नहीं है। उन्होंने वृद्धि को अत्यधिक भारी बताते हुए बीएमआरसीएल से किराया संशोधन पर पुनर्विचार करने और इसके बजाय वैकल्पिक राजस्व स्रोतों की तलाश करने का आग्रह किया।
—————- जेब पर पड़ेगा असर चिकपेट के कपड़ा व्यापारी अरविंद सिंघी ने कहा कि वे रोजाना यलचनहल्ली से चिकपेट तक मेट्रो ट्रेन से आते हैं। अभी तक दोनों तरह का किराया प्रतिदिन 60 रुपए लग रहा था। बीएमआरसीएल के किराया बढ़ाने के बाद अब 90 रुपए रोज देने होंगे। अभी तक प्रतिमाह 1800 रुपए किराया देना होता था। नए टैरिफ के हिसाब से 2700 रुपए महीना देना होगा, जो बहुत अधिक है। बीएमआरसीएल ने भी ऑटो रिक्शा की तरह मनमाना किराया बढ़ा दिया है। ——————————–
किराया बढ़ाना ही विकल्प कांग्रेस अल्प संख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष सिद्धाथ बोहरा ने कहा कि मेट्रो ट्रेन के किराए में वृद्धि न्यायोचित है। लंबे समय बाद मेट्रो के किराए में वृद्धि की गई है। आखिर बीएमआरसीएल कब तक घाटे में मेट्रो रेलों का परिचालन करेगी। साधन और संसाधनों के लिए धन की आवश्यकता होती है। यह धन राशि किराए के रूप में प्राप्त होती है। महानगर वासियों को अच्छे सार्वजनिक परिवहन के साधनों की भरपाई केवल बीएमआरसीएल ही कर सकता है।
———————————– आमजन पर पड़ेगा असर चिकपेट में कपड़ा व्यापारी प्रेम कुमार मालू ने कहा कि मेट्रो की किराया वृद्धि से हर वर्ग प्रभावित होगा। मालू प्रतिदिन राष्ट्रीय विद्यालय रोड से चिकपेट तक मेट्रो से सफर करते हैं। अभी तक प्रतिदिन एक तरफ से 22 रुपए किराया देना पड़ रहा था। पूरे माह का किराया 1200 रुपए देना पड़ता था। किराया वृद्धि के बाद करीब 1800 रुपए तक देने पड़ेंगे, जो न्यायोचित नहीं है। बीएमआरसीएल को किराया वृद्धि पर पुन: विचार करना चाहिए ताकि आम जन को राहत मिल सके। ————————————–
बीएमआरसीएल को चिंतन करने की जरूरत एएसचार स्ट्रीट स्थित ब्रास के व्यापारी प्रताप शेखानी ने बताया कि किराया बढऩा नहीं चाहिए था। मेट्रो घाटे में नहीं है। शेखानी प्रतिदिन अत्तिगुप्पे से चिकपेट तक मेट्रो से प्रतिदिन यात्रा करते हैं। अभी प्रतिदिन एक तरफ से 20.90 रुपए किराया देना पड़ रहा था। किराया वृद्धि के बाद करीब 31 रुपए एक तरफ से देना होगा। प्रतिदिन करीब 20 रुपए की किराया वृद्धि हुई है। इस किराया वृद्धि से प्रतिमाह 550 रुपए तक अधिक देने पड़ेंगे। निगम को किराया वृद्धि पर आम जन के हित में चिंतन करना चाहिए।
————————————— सार्वजनिक परिवहन होगा महंगा चिकपेट में गारमेंट व्यापारी संजय गोठी ने बताया कि मेट्रो का किराया बढ़ने से आमजन पर असर पड़ेगा। इससे सार्वजनिक परिवहन महंगा हो जाएगा। राज्य सरकार को हस्तक्षेप कर इस पर पुर्नविचार करना चाहिए। इस किराया वृद्धि का सीधा असर आमजन पड़ेगा। गोठी ने बताया कि अभी एक तरफ से किराया करीब 21 रुपए दे रहे थे। किराया वृद्धि के बाद प्रतिमाह 500 से 600 रुपए अधिक देने होंगे। बीएमआरसीएल को भीड़ के अनुपात में ट्रेनों का परिचालन करना चाहिए।————
पहले सुविधाओं में सुधार करें बसबेश्वर नगर के नंद सारस्वत स्वदेशी ने कहा कि मेट्रो में बेतहाशा बढ़ती भीड़ को कम करने के लिए ट्रेन की फ्रिक्वेंसी भी बढ़ाने की व्यवस्था करनी चाहिए ताकि सुविधाओं में सुधार हो। यदि सुविधा दें तो मूल्य चुकाना कठिन नहीं लगेगा।