script‘बहन-बेटियों को गिरवी रखने को मजबूर आदिवासी’, लोकसभा में सांसद रोत की झलकी पीड़ा; बच्चों की बिक्री का उठाया मुद्दा | Banswara MP Rajkumar Roat said in Lok Sabha that tribals are forced to mortgage their sisters and daughters | Patrika News
बांसवाड़ा

‘बहन-बेटियों को गिरवी रखने को मजबूर आदिवासी’, लोकसभा में सांसद रोत की झलकी पीड़ा; बच्चों की बिक्री का उठाया मुद्दा

Rajasthan News: दक्षिण राजस्थान के आदिवासी बहुल इलाकों में गरीबी और विकास की कमी के कारण नवजात शिशुओं और बच्चों की बिक्री जैसी घटनाएं सामने आ रही हैं।

बांसवाड़ाFeb 04, 2025 / 01:41 pm

Nirmal Pareek

MP Rajkumar Roat
Rajasthan News: दक्षिण राजस्थान के आदिवासी बहुल इलाकों में गरीबी और विकास की कमी के कारण नवजात शिशुओं और बच्चों की बिक्री जैसी घटनाएं सामने आ रही हैं। यह गंभीर मुद्दा सोमवार को डूंगरपुर-बांसवाड़ा सांसद राजकुमार रोत ने लोकसभा में उठाया। उन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए कहा कि देश में आदिवासियों की स्थिति बेहद चिंताजनक है और वे आज भी शोषण व अत्याचार का सामना कर रहे हैं।

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लोकसभा में सांसद राजकुमार रोत ने कहा कि भारत की राष्ट्रपति एक आदिवासी महिला हैं, लेकिन इसके बावजूद आदिवासी समाज की स्थिति बेहद दयनीय बनी हुई है। उन्होंने कहा कि आज पूरे देश में अगर कोई सबसे ज्यादा पीड़ित और शोषित है, तो वह आदिवासी समुदाय और उनकी महिलाएं हैं। मणिपुर इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।

‘बहन-बेटियों को गिरवी रख रहे हैं आदिवासी’

सांसद रोत ने लोकसभा में दक्षिणी राजस्थान में आदिवासियों की गंभीर हालत का जिक्र करते हुए कहा कि समुदाय के लोग कभी अपनी ज़मीन और जेवर गिरवी रखते थे, लेकिन अब भुखमरी और कर्ज के कारण अपनी बहन-बेटियों और बच्चों को गिरवी रखने तक मजबूर हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि आज राजस्थान में डबल इंजन की सरकार है, लेकिन इसके बावजूद आए दिन ऐसी घटनाएं हो रही हैं, जहां मजबूरी में आदिवासी परिवार अपने बच्चों को बेच रहे हैं।

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पुलिस जांच में भी हो चुका है खुलासा

बताते चलें कि जनवरी 2023 में उदयपुर की सवीना पुलिस ने नवजात शिशु बिक्री रैकेट का भंडाफोड़ किया था। इस मामले में पुलिस ने राजकुमारी नामक एक महिला को सात महीने के बच्चे के साथ गिरफ्तार किया था। जांच में सामने आया था कि राजकुमारी उदयपुर के एक आईवीएफ सेंटर में काम करती थी और उसने महज 70,000 रुपये में झाड़ोल ब्लॉक के एक दंपती से बच्चा खरीदा था। महिला ने कबूल किया कि वह इस बच्चे को दिल्ली में 2 लाख रुपये में बेचने की योजना बना रही थी।

सरकार ने विधानसभा में भी किया था स्वीकार

गौरतलब है कि इस मुद्दे को पिछले साल जुलाई में डूंगरपुर से कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा ने भी राजस्थान विधानसभा में उठाया था। उन्होंने सवाल किया था कि माएं अपने बच्चों को बेचने के लिए क्यों मजबूर हो रही हैं? इसके जवाब में सरकार ने स्वीकार किया था कि 2023-2024 के बीच दक्षिणी राजस्थान में बच्चों की बिक्री के सात मामले सामने आए हैं।

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