यह है फार्मर रजिस्ट्री और फार्मर आईडी
फार्मर रजिस्ट्री के तहत प्रदेश के किसानों के विवरण को एग्रीस्टैक के अंतर्गत तैयार कर डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में संकलित किया जाएगा। एग्रीस्टैक में किसानों को किसान पहचान पत्र प्राप्त होगा। इसमें 11 अंकों की एक संख्या होगी, जिसके जरिए किसान की जानकारी मिल सकेगी। इस फार्मर आईडी से किसान के समस्त कृषि भृूखंड मय हिस्सा जुड़ें होंगे और इसे किसान के आधार से लिंक किया जाएगा।इसलिए जरूरी फार्मर रजिस्ट्री और फार्मर आइडी
भविष्य में पीएम किसान निधी, कृषि विभाग की योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए फार्मर रजिस्ट्री के माध्यम से प्राप्त फार्मर आइडी आवश्यक होगी। इसी आईडी के आधार पर पीएम किसान स्कीम का लाभ मिलेगा। फार्मर आईडी या किसान आईडी आधार नंबर की तरह होता है। इसमें किसानों की कई डिटेल्स दर्ज होते हैं। किसान के जमीन की रिकॉर्ड, जनसांख्यिकी, फसलों की जानकारी आदि के बारे में फार्मर आईडी में डिटेल्स दर्ज होती है।शव को महज एक घंटे में चूहे कुतर गए, राजस्थान के इस जिले के अस्पताल की बड़ी लापरवाही
फार्मर रजिस्ट्री के उद्देश्य
1- प्रदेश के समस्त कृषकों की आधार लिंक्ड रजिस्ट्री तैयार करना, जिससे योजनाओं का नियोजन, लाभार्थियों का सत्यापन, कृषि उत्पादों के विपणन आदि सुविधाजनक होगा।2- कृषकों के कल्याण के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं का लाभ सुगम एवं पारदर्शी तथा समयबद्ध तरीके से उपलब्ध कराना।
3- योजनाओं में लाभ के लिए अथवा अन्य उद्देश्य से कृषकों की पहचान एवं प्रमाणीकरण में सुगमता प्रदान करना।
4- किसानों के लिए कृषि ऋण, वित्त, आदानों और अन्य सेवा प्रदाताओं के लिए कृषि सेवाओं को सुगमता से उपलब्ध कराना।
5- प्रदेश के किसानों को बेहतर सेवा देने के लिए कृषि संबद्ध विभागों के बीच योजना अभिसरण का सरलीकरण।
6- उच्च गुणवत्ता वाले डेटा तक आसान पहुंच के साथ एग्रीस्टैक द्वारा उत्पादों और सेवाओं में नवाचार का विस्तार।
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पांच फरवरी से लगेगा कैंप
किसान रजिस्ट्री बनाने के लिए निर्देश प्राप्त हुए हैं। पांच फरवरी से कैंप लगाकर कार्य शुरू किया जाएगा। यह अभियान 30 मार्च तक चलेगा।अभिषेक गोयल, एडीएम, बांसवाड़ा