एक फैक्ट्री में 25 फीसद तो दूसरी में 18 फीसद महिला श्रमिक
कपड़ा फैक्ट्री में महिला श्रमिकों की संख्या काफी अच्छी है। एक ग्रुप की फैक्ट्री में तकरीबन 25% महिलाएं श्रमिक हैं तो दूसरे में तकरीबन 18% हैं। महिला श्रमिक धागा व कपड़ा बनाने की तकरीबन हर यूनिट पर सेवाएं दे रही हैं। सुरक्षित माहौल और आर्थिक संबल के कारण बीते वर्षों में काम करने वाली महिलाओं की संख्या तेजी से बढ़ी है।मशीनों पर ही नहीं दफ्तर और लैब में भी अहम भूमिका
इन कपड़ा फैक्ट्री की मशीनों पर ही महिलाएं काम नहीं कर रहीं। बल्कि दफ्तर और लैब में भी अहम भूमिका में हैं। यहां ये महिलाएं अहम व्यवस्थाएं संभाल रही हैं।पेट में पल रहा था बच्चा, मां को नहीं थी खबर, डॉक्टर भी हैं हैरान, पढ़ें- एक रोचक खबर

मेहनत से संभाला घर, बनी सहारा
इन फैक्ट्री में बरसों से काम करने वाली कई महिलाएं बताती हैं कि उन्होंने काम करना शुरू किया तो तब घर की आर्थिक स्थिति बहुत ज्यादा सुदृढ नहीं थी। पर, धीरे -धीरे काफी बदलाव आया है क्यों कि अब घर में दो लोग कमाने वाले हैं।राजस्थान में राजस्व गांव घोषित करने के मानदंडों में बदलाव, आदेश जारी

फैक्ट फाइल
1- 1000 तकरीबन नारी शक्ति कपड़ा फैक्ट्री में करती हैं काम।2- 8 घंटे औसतन हर रोज कार्य।
3- 4 राज्यों की नारी शक्ति का कपड़ा बनाने में योगदान।
4- 230 टन तकरीबन धागा हर रोज बनाता है बांसवाड़ा में।
5- 2 लाख मीटर से अधिक विभिन्न गुणवत्ता के कपड़े का होता है उत्पादन।