समारोह का संचालन महा सचिव ने किया
कार्यक्रम का मंच संचालन चौधरी सुरेंद्र सिंह मलिक, महासचिव, जाट महासभा समिति द्वारा कुशलता से किया गया। अधिवेशन का उद्देश्य न केवल सामाजिक समरसता बढ़ाना था, बल्कि जाट समाज में व्याप्त अनेक कुरीतियों पर सामूहिक चर्चा कर उन्हें समाप्त करने का मार्ग भी तय करना था।
कुरीतियों पर खुलकर हुई चर्चा
अध्यक्ष चौधरी राजेश सिंह ने अपने संबोधन में दहेज प्रथा, मृत्यु भोज, अनावश्यक शादी खर्च, नशाखोरी जैसी कुरीतियों पर चिंता जताते हुए इनके खिलाफ समाज को एकजुट होकर खड़े होने की अपील की। उन्होंने गरीब एवं मेधावी छात्रों, विशेषकर छात्राओं को आर्थिक सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया। साथ ही समाज में आपसी मतभेद भुलाकर एकता बनाए रखने पर विशेष जोर दिया।
वरिष्ठ पदाधिकारियों की गरिमामयी उपस्थिति
अधिवेशन में जाट महासभा समिति के वरिष्ठ पदाधिकारीगण शामिल रहे, जिनमें प्रमुख रूप से: धर्मपाल सिंह (कार्यकारी अध्यक्ष) चौधरी धर्मेंद्र सिंह, चौधरी कुलदीप सिंह, चौधरी केपी सिंह (उपाध्यक्षगण) चौधरी विपिन सिंह (सह सचिव) चौधरी मृगेंद्र सिंह (विधि सलाहकार) चौधरी प्रेमवीर सिंह, चौधरी सामोद सिंह, चौधरी राजपाल सिंह चौहान चौधरी सुरेंद्र सिंह (तहसील अध्यक्ष, बहेड़ी) चौधरी विशाल मलिक (तहसील अध्यक्ष, फरीदपुर)
जसवीर सिंह (तहसील अध्यक्ष, मीरगंज)
गौरवशाली उपस्थिति में पूर्व कुलपति व राष्ट्रीय नेता भी शामिल
अधिवेशन में विशेष रूप से डॉ. सत्येंद्र सिंह, डॉ. देवेंद्र सिंह, डॉ. आर.पी. सिंह (पूर्व कुलपति), और अंतरराष्ट्रीय सांसद संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी रामावतार पलसानिया की उपस्थिति ने कार्यक्रम को गरिमामयी बना दिया।
समाज में नई चेतना का संकल्प
इस महाअधिवेशन में उपस्थित सभी लोगों ने संकल्प लिया कि वे समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर करने और जाट महासभा समिति बरेली के साथ मिलकर समाजोत्थान के लिए काम करेंगे। अंत में अध्यक्ष चौधरी राजेश सिंह मलिक ने सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त किया और कहा कि “एकता, सेवा और स्वच्छता ही जाट समाज की सच्ची पहचान बनेगी।”