घटना के कई दिन बाद पुलिस ने दर्ज की रिपोर्ट, भटकता रहा परिवार
लेखपाल मनीष के अपहरण के बाद फरीदपुर पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की थी। इस मामले में इंस्पेक्टर फरीदपुर परिजनों को आठ दिनों तक टरकाते रहे। मामला एडीजी रमित शर्मा तक पहुंचा तो आठ दिन बाद एफआईआर दर्ज कर जांच शुरु की, लेकिन पुलिस ने तलाश में भी लापरवाही बरती। 27 नबंवर को लेखपाल को अपहरण हुआ था। तीन दिसंबर को पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया। 15 दिसंबर को कैंट इलाके में नाले के पास लेखपाल का कंकाल बरामद हुआ था।
सीओ और इंस्पेक्टर पर कार्रवाई को लेकर अड़े थे परिवार वाले, लेखपालों का कार्य बहिष्कार
लेखपाल के परिजनों ने सीओ फरीदपुर और इंस्पेक्टर पर गंभीर आरोप लगाये थे। परिवार वाले दोनों पर कार्रवाई की मांग को लेकर अड़े थे। आरोप था कि उन्होंने इस मामले में लापरवाही बरती। वहीं कार्रवाई को लेकर लेखपालों ने भी कार्य बहिष्कारा शुरू कर दिया था। एसएसपी अनुराग आर्य ने इस मामले में इंस्पेक्टर के खिलाफ प्रारंभिक जांच का आदेश दिया था। जांच रिपोर्ट में लापरवाही सामने आने पर इंस्पेक्टर राहुल सिंह को लाइन हाजिर कर दिया गया है।