यह अनोखा मामला प्रशासन के पास लम्बित है, और परिवार अब भारत सरकार से बेटी के भविष्य की खातिर नागरिकता की गुहार लगा रहा है।
2007 में हुआ था निकाह, नागरिकता बन गई चुनौती
पाकिस्तान के कराची शहर के नॉर्थ नाज़िमाबाद इलाके की रहने वाली महताब फातिमा वर्ष 2007 में रिश्तेदारी के सिलसिले में भारत आई थीं। यहां नवाबगंज के खाता गांव के निवासी अफसार हुसैन से उनका निकाह करवा दिया गया। निकाह के बाद कुछ समय भारत में रुकने के बाद वह वापस पाकिस्तान लौट गईं। वर्ष 2009 में वह फिर भारत आईं लेकिन 2010 में अपने मायके चली गईं, जहां उन्होंने अपनी पहली बेटी आले जहरा को जन्म दिया। उस समय दस्तावेजी जानकारी और समझ के अभाव में आले जहरा का पासपोर्ट पाकिस्तानी बना, और उसे वहीं की नागरिकता मिल गई।
तीन बेटियां भारतीय, एक बनी पाकिस्तानी
महताब फातिमा बाद में अपनी पाकिस्तानी नागरिक बेटी के साथ ससुराल भारत लौट आईं। भारत में रहते हुए उन्होंने दो और बेटियों—नजफ जहरा और किजा जहरा—को जन्म दिया, जिन्हें भारत की नागरिकता मिल गई। वर्ष 2022 में वह फिर एक बार अपने पति और बेटियों के साथ पाकिस्तान गईं, जहां 2023 की शुरुआत में उन्होंने चौथी बेटी अलीजा जहरा को जन्म दिया। इस बार महताब सतर्क थीं और भारतीय दूतावास से ही बेटी के कागजात तैयार करवाए, जिससे अलीजा को भारतीय नागरिकता मिल गई।
अब सिर्फ एक बेटी पर लटका है सवाल
महताब फातिमा और उनकी सबसे बड़ी बेटी आले जहरा इस समय लांग टर्म वीजा (LTV) पर भारत में रह रही हैं। दोनों ने स्थायी नागरिकता के लिए आवेदन कर रखा है, जो शासन स्तर पर लंबित है। महताब का कहना है, “आले जहरा अब 14 साल की हो गई है और स्कूल में बड़ी कक्षा में पढ़ रही है। उसके भविष्य को लेकर हर कदम पर मुश्किलें आती हैं। मेरी बस यही गुहार है कि मेरी बेटी को भारत की नागरिकता मिल जाए।”
2023 में नागरिकता प्रक्रिया अधूरी रह गई थी
महताब ने बताया कि उन्होंने 2023 में स्थायी निवास के लिए आवेदन किया था, लेकिन उसी समय वह चौथी बेटी के जन्म के लिए पाकिस्तान गई थीं, जिससे 90 दिनों में जरूरी प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी। अब उन्होंने दोबारा आवेदन किया है और उम्मीद जताई है कि सरकार मानवीय आधार पर निर्णय लेगी।
भारत सरकार से अपील
महताब कहती हैं, “मेरी खुद की नागरिकता मिले या न मिले, लेकिन मेरी बेटी आले जहरा को नागरिकता दी जाए। जिससे वह बिना डर और बाधा के भारत में पढ़-लिख सके और आगे बढ़ सके।”
तनाव के माहौल में बढ़ी चिंता
हालिया पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में आई तल्खी ने इस परिवार की चिंता को और बढ़ा दिया है। भले ही सरकार ने LTV धारकों पर कोई नई सख्ती नहीं की है, लेकिन असमंजस और अनिश्चितता का माहौल परिवार के मन में डर भर रहा है।