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बरेली

डंपी की हत्या मामले में तीन दोषियों को उम्रकैद, कोर्ट ने ठोका जुर्माना, जाने मामला

नगर निकाय चुनाव में मेयर पद के प्रत्याशी रहे यूनुस अहमद उर्फ डंपी की सनसनीखेज हत्या के पांच साल बाद आखिरकार कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। अपर जिला जज (नवम) अविनाश कुमार सिंह की अदालत ने इस चर्चित मर्डर केस में तीन दोषियों को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही तीनों पर 2 लाख 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

बरेलीApr 25, 2025 / 11:52 am

Avanish Pandey

यूनुस अहमद उर्फ डंपी

बरेली। नगर निकाय चुनाव में मेयर पद के प्रत्याशी रहे यूनुस अहमद उर्फ डंपी की सनसनीखेज हत्या के पांच साल बाद आखिरकार कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। अपर जिला जज (नवम) अविनाश कुमार सिंह की अदालत ने इस चर्चित मर्डर केस में तीन दोषियों को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही तीनों पर 2 लाख 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
सजा पाने वाले आरोपी हैं – आशिक अली, सिराजुद्दीन और उसका भाई इशामुद्दीन। यह फैसला गुरुवार को सुनाया गया, जिससे पीड़ित पक्ष को न्याय मिला।

घर के बाहर गोली मारकर की गई थी हत्या

एडीजीसी क्राइम हरेंद्र राठौर ने बताया कि यह घटना 14 अप्रैल 2020 की रात करीब 9:30 बजे की है। यूनुस डंपी को उनके घर के बाहर गोली मार दी गई थी। उनकी पत्नी शहनाज ने थाना बारादरी में रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसमें आशिक अली, सिराजुद्दीन, इशामुद्दीन और एक अज्ञात व्यक्ति को नामजद किया गया था। पुलिस ने जांच के दौरान इशामुद्दीन से रायफल और आशिक अली से तमंचा बरामद किया। बाद में बैलेस्टिक जांच में भी हथियारों से गोली चलने की पुष्टि हुई।

ब्यूटी पार्लर विवाद से जुड़ा था मामला

एडीजीसी ने बताया कि इस हत्याकांड की जड़ें एक पुराने ब्यूटी पार्लर विवाद से जुड़ी हैं। मृतक की पत्नी शहनाज के अनुसार, उसकी बहन रुबीना का ब्यूटी पार्लर एजाजनगर गौटिया में स्थित था। दो साल पहले सिराजुद्दीन, इशामुद्दीन, आशिक अली और बाबू शाहिद ने वहां तोड़फोड़ की थी। सूचना मिलने पर यूनुस डंपी भी मौके पर पहुंचे थे और आरोपियों ने पुलिस की मौजूदगी में मारपीट कर फायरिंग की थी। उस मामले में डंपी मुख्य गवाह थे।

दूसरी बड़ी सजा: 20 साल पुराने नरेश पाल मर्डर केस में दोषी को उम्रकैद

एक अन्य केस में जिला जज सुधीर कुमार की अदालत ने 2005 में हुए नरेश पाल मर्डर केस में आरोपी चंद्रसेन उर्फ शेखर को सश्रम उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोषी पर 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
डीजीसी क्राइम रीतराम राजपूत ने बताया कि 17 अगस्त 2005 को आरोपी चंद्रसेन ने नरेश पाल को हिसाब चुकता करने के बहाने घर से बुलाकर गोली मार दी थी। इलाज के दौरान 5 नवंबर 2005 को नई दिल्ली में नरेश पाल की मौत हो गई थी। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर चार्जशीट दाखिल की थी।

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