बीमा अवधि के दौरान 28 अक्टूबर 2020 को बीमा धारक भरत कुमार की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। परिवार ने 29 अक्टूबर 2020 को ही इसकी सूचना तत्काल बीमा कंपनी को दी। इसके बाद परिवादी ने 3 दिसंबर 2020 को बीमा कंपनी को एफआईआर, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, अस्पताल पर्ची समेत अन्य दस्तावेज दिए।
लेकिन परिवादी के पति की मृत्यु के सात माह बीतने के बावजूद बीमा क्लेम राशि की मांग करने पर भी कंपनी ने भुगतान नहीं किया। प्रकरण की सुनवाई करते हुए अध्यक्ष शंकरलाल पुरोहित, सदस्य स्वरूपसिंह राठौड़, सरिता पारीक ने बीमा कंपनी को 3 करोड़ 50 लाख रुपए मय ब्याज, परिवार के व्यय 25 हजार व मानसिक संताप के 5 लाख रुपए अलग से अदा करने तथा उक्त राशि दो माह में भुगतान नहीं करने पर उक्त राशि पर 9 प्रतिशत की दर से ब्याज देने का आदेश दिया है।