अंगुली पकड़कर लाने वाली बड़ी बहन का छूट गया साथ, मासूम की स्कूल में दर्दनाक मौत, 2 शिक्षक निलंबित
Barmer News: बाड़मेर के राप्रावि बांकाणा नाडी ग्राम पंचायत हुड्डों का तला में दीवार सहित मुख्यद्वार गिरने से छात्रा विमला की मौत के मामले में शिक्षा विभाग ने लापरवाह दो शिक्षकों को निलंबित किया
स्कूल में पढ़ने वाले छोटे बच्चों को छुट्टी की घंटी के समय घर जाने की उत्सुकता इतनी रहती है कि इधर घंटी बजी और बच्चे दौड़ पड़ते हैं। राजस्थान के बाड़मेर के राजकीय प्राथमिक विद्यालय बांकाणा नाडी की दो बहनें विमला और कृष्णा भी इसी इंतजार में थीं। घंटी बजी और जैसे ही दौड़ीं, उन्हें क्या पता कि आज की छुट्टी के साथ उनका जीवनभर का साथ छूट जाएगा। बाड़मेर में विमला पर स्कूल के गेट का पिलर गिर गया और छोटी कृष्णा हाथ से इशारा करते रोती रही।
दिहाड़ी मजदूर महावीर चौधरी की दोनों बेटियां इस स्कूल में पढ़ती थीं। विमला चौथी और कृष्णा दूसरी में। दोनों बहनों का साथ स्कूल आना-जाना रहता। जब कृष्णा रोती हुई घर पहुंची तो पूरा परिवार स्कूल की तरफ दौड़ पड़ा। शिक्षकों ने पत्थर हटाकर विमला को निकाला तो वह घायल थी। बदहवास परिजन बच्ची को छाती से लगाकर चौहटन के अस्पताल लाए। चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार कर कहा, बाड़मेर ले जाओ, लेकिन उसने दम तोड़ दिया।
पिता को बुलाया
तीन संतानों में विमला सबसे बड़ी थी। पिता महावीर जैसलमेर में मजदूर हैं। दादा भैराराम ने बेटे को भारी मन से बुलाया। मोर्चरी में शव पोस्टमार्टम के लिए रखा है। भैराराम हादसे के बारे में यही कहते हैं कि बच्ची चली गई है। अब पिलर जर्जर कब से था या ज्यादा था, हमें नहीं मालूम। हम तो मजदूरी पर रहते हैं। आज इस पिलर ने मेरी पोती की जान ले ली।
शिक्षकों पर कार्रवाई
बाड़मेर के राप्रावि बांकाणा नाडी ग्राम पंचायत हुड्डों का तला में दीवार सहित मुख्यद्वार गिरने से छात्रा विमला की मौत के मामले में शिक्षा विभाग ने लापरवाह दो शिक्षकों को निलंबित किया है। जिला शिक्षा अधिकारी ने शिक्षक बलराम मीणा को निलंबित कर सीबीईओ कार्यालय गडरारोड़ अटैच किया है। वहीं शिक्षक मूलाराम को निलंबित कर उनका मुख्यालय सीबीईओ कार्यालय शिव किया गया है। सीबीईओ अमराराम सहित पीईईओ तथा अन्य उच्च अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं।
1995 में बनी है स्कूल
जानकारी अनुसार 1995 में स्कूल के भवन का निर्माण ग्राम पंचायत की ओर से करवाया गया था। इसके बाद इसकी मरम्मत नहीं होने की जानकारी मिली है। मेनगेट व पिलर की स्थिति भी इस कारण से ठीक नहीं थी।
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279 स्कूलों को मरम्मत की दरकार
सरकारी स्कूलों के जर्जर भवनों की मरमत की जरूरत का आंकड़ा बाड़मेर, बालोतरा में 279 का है। करीब दो साल से इन विद्यालयों को बजट की दरकार है। प्रत्येक स्कूल को करीब 7 लाख रुपए की जरूरत है। बार-बार भेजी जा रही सूची में संशोधन करके चक्कर लगाए जा रहे हैं।
दस से पंद्रह साल पहले बने भवनों में अब बड़ी राशि मरम्मत के लिए चाहिए। विभागीय जानकारी अनुसार 279 स्कूलों की सूची राज्य सरकार को पूर्व में भेजी जा चुकी है। इसमें औसत एक स्कूल के लिए 7 लाख रुपए के बजट की जरूरत थी। यह राशि करीब बीस करोड़ रुपए बन रही है।