उप जिला अस्पताल में 539 प्रकार की दवाइयां, 35 तरह के सूचर्स यानी टांके लगाने का सामान व 139 प्रकार के सर्जिकल उपकरण उपलब्ध मिले। जबकि उप जिला स्तर के अस्पताल में करीब एक हजार प्रकार की दवाइयां उपलब्ध रहती है। जो यह दर्शाता है कि मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा वितरण में गंभीर लापरवाही बरती गई है और अस्पताल प्रशासन ने आरएमएससीएल में सीएचसी की बजाय उप जिला अस्पताल में दर्ज करने की जहमत नहीं उठाई और ना ही चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने इस ओर ध्यान दिया। उप जिला अस्पताल स्तर की दवाइयां अस्पताल को मिलती तो तीन वर्ष में मरीजों को उपचार के लिए बड़ी मात्रा में दवाइया बाजार से नहीं खरीदनी पड़ती। निरीक्षण में यह भी पता चला कि 29 प्रकार की दवाइयां औषधि भंडार गृह में तो उपलब्ध है लेकिन मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा वितरण केंद्र में मौजूद नहीं है। जिस पर प्रबंध निदेशक ने कड़ी फटकार लगाई। संस्थान के लिए अधिकृत दवाईयों में से 39 दवाइयां जो औषधि भंडार गृह पर उपलब्ध थी वो संस्था द्वारा जिला औषधि भंडार गृह से पूर्व निर्धारित तिथि पर प्राप्त नहीं की गई। जिन दवाइयों का अवधिपार तिथि पास में है, उनका प्रबंधन उचित नहीं मिला।
![Sub District Hospital](https://cms.patrika.com/wp-content/uploads/2025/01/Sub-District-Hospital.jpg?w=640)
प्रबंध निदेशक ने अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.राजेन्द्र कुमार शर्मा को व्यवस्थाओं में सुधार करने व समय-समय पर प्रभावी मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए। आरएमएससीएल की प्रबंध निदेशक ने अस्पताल के आउटडोर, इनडोर, मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा वितरण केंद्र, निःशुल्क जांच दवा केंद्र, जननी शिशु सुरक्षा केंद्र, लेबर रूम, जनरल वार्ड, महिला वार्ड, ऑपरेशन थियेटर व एनबीएस यूनिट, सोनोग्राफी व एक्सरे कक्ष सहित समूचे अस्पताल का निरीक्षण किया। प्रबंध निदेशक यहां मुख्यमंत्री निःशुल्क जांच दवा योजना, उपकरणों की उपलब्धता तथा उपयोग का फीडबैक व निरीक्षण करने आई थी। प्रबंध निदेशक ने प्रमुख चिकित्सा अधिकारी को व्यवस्थाओं में सुधार के लिए आगाह किया। इस दौरान जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जयपुर प्रथम डॉ.रवि शेखावत, प्रमुख चिकित्साधिकारी डॉ.राजेंद्र शर्मा व स्टाफ सदस्य मौजूद थे।
आरएमएससीएल एमडी ने अस्पताल में मौजूद ऑक्सीजन प्लांट को निरीक्षण के दौरान चलवाकर देखा। प्लांट से अस्पताल के वार्डों में बेड तक ऑक्सीजन की सप्लाई होती है। बेकार सामान करें नीलाम
उप जिला अस्पताल में कई प्रकार के बेकार व खराब उपकरण पडे़ मिले। जिनसे कई कक्ष अटे पडे है। आरएमएससीएल एमडी ने अस्पताल पीएमओ को निस्तारण कमेटी के जरिए बेकार सामान को निस्तारित करने के निर्देश दिए। बेकार सामान निस्तारित होने पर अस्पताल को अतिरिक्त जगह उपलब्ध हो सकेगी।
अस्पताल को दानदाता की ओर से दी गई सोनोग्राफी मशीन निरीक्षण में सोनोलाजिस्ट व रेडियोलॉजिस्ट के अभाव में बंद मिली। एमडी ने इस संबंध में प्रमुख चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को अवगत कराने का भरोसा दिलाया।
आरएमएससीएल एमडी ने आंगनबाड़ी केंद्र जमवारामगढ़ प्रथम का निरीक्षण किया। यहां कार्यकर्ता ललिता मीना व सहायिका गायत्री शर्मा से उडान रजिस्टर, स्टॉक रजिस्टर को चेक तथा पोषाहार वितरण की जानकारी ली।
अस्पताल में दवा की उपलब्धता की मॉनिटरिंग अस्पताल प्रमुख को समय-समय पर करने, साफ सफाई की व्यवस्था सही रखने के निर्देश दिए है। आरएमएससीएल में अस्पताल का स्टेटस उप जिला में बदल दिया है।
–नेहा गिरी, प्रबंध निदेशक, राजस्थान मेडिकल सर्विस कॉर्पोरेशन लिमिटेड, जयपुर
–डॉ.रवि शेखावत, सीएमएचओ, जयपुर प्रथम अस्पताल में व्यवस्थाओं को सुधारने के प्रयास जारी है। निरीक्षण में मिली कमियों के आधार पर लापरवाह कार्मिकों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही करेगा। सफाई व्यवस्था को सुधारा जाएगा।
–डॉ.राजेंद्र कुमार शर्मा, पीएमओ, उप जिला अस्पताल जमवारामगढ़