मास्टरमाइंड राजेंद्र परिहार अभी भी फरार
पुलिस के अनुसार, इस घोटाले का मास्टरमाइंड स्वच्छ भारत मिशन का ब्लॉक कोऑर्डिनेटर राजेंद्र परिहार है। जब से यह घोटाला सामने आया है, तब से वह फरार है। पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई है, लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। इस घोटाले में अन्य 10 आरोपी भी शामिल हैं, जिनके नाम इस प्रकार हैं— जमदू आहके, सुरकेश कहार, बीरबल रावत, सुमित सोनी, आशीष आर्य, सोनू शिवनकर, सपना, शीलू इवने। इसके अलावा, तीन फर्मों पर भी एफआईआर दर्ज की गई है- मेक आए इंडिया (नई दिल्ली), मकीना एसोसिएट सोसायटी (इंदौर) और शॉपिंग भंडार(इंदौर)। इस तरह किया गया करोड़ों का गबन
पुलिस जांच में सामने आया कि 13.21 करोड़ रुपये का गबन वॉटर मैनेजमेंट सिस्टम, सोखपिट निर्माण, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, नाडेप, लिच पीट और सार्वजनिक एवं व्यक्तिगत शौचालयों के नाम पर किया गया। इन योजनाओं के तहत सरकारी पोर्टल से भारी मात्रा में फंड निकाला गया, लेकिन इसका सही उपयोग नहीं किया गया। जांच में यह भी पाया गया कि पीएमएफएस पोर्टल पर ब्लॉक कोऑर्डिनेटर राजेंद्र परिहार ने अपने नाम पर और कुछ फर्जी वेंडर बनाकर खुद को भुगतान कर लिया। इससे सरकार को भारी आर्थिक नुकसान हुआ।
कलेक्टर और सीईओ की सजगता से उजागर हुआ मामला
यह घोटाला जिला प्रशासन की सतर्कता से सामने आया। कुछ दिन पहले कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी और जिला पंचायत सीईओ अक्षत जैन ने भीमपुर ब्लॉक में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के कार्यों का निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान ही यह आर्थिक अनियमितता उजागर हुई। इसके बाद प्रशासन ने जांच बिठाई, जिसमें यह बड़ा घोटाला सामने आया।
आगे क्या होगा?
पुलिस अब इस मामले की गहराई से जांच कर रही है। घोटाले में शामिल सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की कोशिशें तेज कर दी गई हैं। वहीं, फरार चल रहे मास्टरमाइंड राजेंद्र परिहार की तलाश के लिए पुलिस की टीमें बनाई गई हैं। इस मामले में आगे और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।