script…जानिये प्रदेश के 180 करोड़ के सबसे बड़े अवैध खनन का काला सच! | -अवैध खनन होता रहा और अधिकारी करते रहे निदेशालय को गुमराह, -प्रदेश के एकमात्र डीग जिले में निकला सर्वाधिक अवैध खनन, 12 लीजधारकों का रवन्नाओं से फर्जीवाड़ा | Patrika News
भरतपुर

…जानिये प्रदेश के 180 करोड़ के सबसे बड़े अवैध खनन का काला सच!

-अवैध खनन होता रहा और अधिकारी करते रहे निदेशालय को गुमराह,
-प्रदेश के एकमात्र डीग जिले में निकला सर्वाधिक अवैध खनन, 12 लीजधारकों का रवन्नाओं से फर्जीवाड़ा

भरतपुरApr 11, 2025 / 07:10 pm

Meghshyam Parashar

प्रदेश के एकमात्र डीग जिले में सर्वाधिक अवैध खनन का मामला सामने आया है। इसमें खननमाफियाओं ने पहाड़ों को पाताल में पहुंचा दिया। एक लीज में तो इतना अवैध खनन किया गया है कि वहां पाताल तोड़ पानी तक निकल आया है। खान विभाग की जांच में सामने आया है कि फिलहाल प्रारंभिक जांच में 12 लीजधारकों के 180 करोड़ के अवैध खनन करने का मामला सामने आया है। इसमें लीजधारकों समेत एक स्टोन क्रशर संचालक के खिलाफ जुर्माना लगाया गया है। अवैध खनन के खिलाफ एक ही दिन में इतनी बड़ी कार्रवाई पहली बार हुई है। उल्लेखनीय है कि राजस्थान पत्रिका की ओर से 24 मार्च 2025 से अवैध खनन का मुद्दा उठाया जा रहा है। उसी के तहत मुख्यमंत्री ने विभागों को स्पष्ट निर्देश दिए थे। तब जाकर यह कार्रवाई हुई है।
जानकारी के अनुसार खननमाफियाओं की ओर से डीग जिले के पहाड़ी के गांव छपरा, धौलेट व नांगल के अलावा खसरा नंबर 162 में बड़े पैमाने पर अवैध खनन किया गया है। इसमें खसरा नंबर 162 में तो 200 फीट की गहराई तक अवैध खनन किया गया है। इससे वहां पानी तक निकल आया है। खान विभाग की ओर से निदेशालय स्तर से एक विशेष जांच दल चिन्हित स्थानों पर जांच करने पहुंचा। इसमें भरतपुर, रूपवास, डीग, सवाईमाधोपुर, करौली एवं बूंदी में जांच की गई। जांच में सर्वाधिक अवैध खनन डीग जिले में माना गया है।
10 करोड़ से 53 करोड़ तक लगाया जुर्माना

गांव छपरा में योगेंद्र सिंह के करीब 1.20 लाख टन खनिज मैसेनरी स्टोन के रवन्नाओं का दुरुपयोग करने पर 5.30 करोड़ की पेनल्टी, रोशनलाल के 21,354 टन रवन्नाओं के दुरुपयोग पर 96 लाख रुपए, मंजीत सिंह के 88,102 टन खनिज का बिना रवन्नाओं के निर्गमन करने पर 3.96 करोड़, धौलेट में राजेश बंसल के 2,11,973 टन खनिज के निर्गमन में रवन्नाओं का दुरुपयोग करने पर 9.54 करोड़, बृजलाल के बिना रवन्नाओं के 37,680 टन खनिज निर्गमन करने पर 1.70 करोड़, गौरव बंसल के 11.87 लाख टन खनिज का बिना रवन्नाओं के अवैध निर्गमन करने पर 53.42 करोड़ रुपए, प्रदीप गुप्ता के 6.92 लाख का अवैध खनन बिना रवन्नाओं के निर्गमन किए जाने पर 27.01 करोड़, अभिषेक की ओर से 6.80 लाख टन का अवैध खनन का निर्गमन बिना रवन्नाओं के किए जाने पर 30.61 करोड़ की पेनल्टी लगाई गई है। इसी प्रकार नांगल क्षेत्र के पट्टाधारी मैसर्स जीटीसी एंड कंपनी की ओर से 3.84 लाख टन का अवैध खनन पट्टे से बाहर करने पर 17.29 करोड़, मैसर्स एचटीसी कंपनी के पट्टे से बाहर 3.04 लाख टन अवैध खनन करने पर 13.71 करोड़ की पेनल्टी, शरहद जैमन एवं खनन पट्टा के बीच गैप क्षेत्र में 2.03 लाख का अवैध खनन करने पर 9.14 करोड़ की पेनल्टी, इसी प्रकार एक अन्य गैप क्षेत्र में 1.66 लाख का अवैध खनन पाए जाने पर 7.50 करोड़ रुपए की पेनल्टी लगाई गई है। इसके अलावा शुभ लाभ स्टोन क्रशर की ओर से 3479 टन अवैध खनिज निर्गमन करने पर 15.66 लाख रुपए की पेनल्टी लगाई गई है।
खनिज अभियंता की रही लापरवाही

रिपोर्ट में खनिज विभाग के स्थानीय अधिकारियों का भी रिपोर्ट में गंभीर नहीं हो पाया गया है। इसमें कहा है कि खान विभाग के अधिकारियों की ओर से अभियान प्रारंभ होने के उपरांत भी मुख्यमंत्री के स्पष्ट दिशा-निर्देशों के बाद भी गंभीरता से नहीं लिया गया है। चेतावनी दी गई है कि अगर इतने व्यापक पैमाने पर अवैध खनन पाया जाता है तो खनिज अभियंता व अन्य के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
200 फुट तक की गहराई में अवैध खनन, निकला पानी

अधिकारियों के निरीक्षण में सामने आया है कि अवैध खनन से गहरे गढ्ढों में तब्दील पहाड़ में पानी निकलने के बाद भी खनन नहीं रोका गया। नांगल के खसरा नंबर 162 में खननमाफियाओं की ओर से 200 फुट से अधिक गहराई तक अवैध खनन कर पानी निकाल दिया। जबकि 36 मीटर गहराई के बाद अवैध खनन नहीं किया जा सकता, जो कि डेंजर जोन होता है।
बड़ा सवाल… ड्रोन सर्वे बना मखौल, पिलर तक नहीं लगे

हकीकत यह है कि इस पूरे मामले में खनिज विभाग के अधिकारी दोषी हैं, क्योंकि जिस तरह अवैध खनन किया जा रहा है, वहां अब तक ड्रोन सर्वे तक नहीं कराया गया है। करीब दो साल पुरानी सर्वे रिपोर्ट धूल चाट रही है। जुर्माना राशि के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। इतना ही नहीं पिट मैजरमेंट के बाद अभी तक अवैध खनन वाली लीजों पर पिलर तक नहीं लगाए गए हैं।
पूर्व सांसद ने उठाया था दो बार प्रकरण

नांगल क्रशर जोन के खसरा नम्बर 162 में खनिज विभाग की ओर से करीब 28 लीज आवंटित हैं। इन लीजों के बीच में जो जगह खाली रह गई उसमें अवैध खनन होता आया है। इस लीज पर पिछले 10 साल में 30-40 करोड़ रुपए पेनल्टी लगाने के साथ ही 14 एफआइआर तक दर्ज हो चुकी है, लेकिन अब तक कार्रवाई नहीं हुई है। साथ ही खाली जगहों के प्लॉट डेलीकेट करके ऑक्शन में भेजा गया, लेकिन सीईसी कमेटी ने हरियाणा बॉर्डर से एक किलोमीटर की कहकर रद्द कर दिया। यह मामला पूर्व सांसद रंजीता कोली ने दो बार उठाया था। विहिप के रामेश्वर गुर्जर ने भी हाल में ही शिकायत की थी।

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