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CG News: नर्सिंग चेंजिंग रूम का बना रहा था वीडियो, अस्पताल ने किया नौकरी से बाहर अब एक परिवार अपना बच्चा मांग रहा है तो दूसरा परिवार बच्चा देने से इनकार कर रहा है। अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार 23 जनवरी को दुर्ग निवासी शबाना कुरैशी पति अल्ताफ कुरैशी और
भिलाई निवासी साधना सिंह पति शैलेंद्र सिंह की डिलीवरी हुई। दोनों का बेटा पैदा हुआ। एक बच्चे का जन्म दोपहर 1.25 बजे और दूसरे बच्चे का जन्म 9 मिनट बाद 1.34 बजे हुआ।
पहचान के लिए दोनों बच्चों के हाथ में उनकी मां के नाम का टैग पहनाया गया। इसी प्रक्रिया के तहत दोनों नवजातों की जन्म के बाद उनकी माताओं के साथ फोटो भी ली गई। इसके बाद नर्स ने बच्चों को उनकी माताओं को सौंप दिया। बच्चों को माताओं को सौंपते समय चूक हो गई।
साधना के बच्चे को शबाना को और शबाना के बच्चे को साधना को सौंप दिया गया। फिर दोनों का डिस्चार्ज हो गया। इस तरह हिंदू का बच्चा मुस्लिम के घर और मुस्लिम का बच्चा हिंदू के घर जा पहुंचा।
इस घटना का खुलासा एक हफ्ते बाद तब हुआ जब शबाना टांका खुलवाने अस्पताल गई। शबाना के जेठ अजहर कुरैशी ने बताया 21 जनवरी को यहां एडमिट किया गया था। एक फरवरी को टांका खुलवाने गए तब अचानक बच्चे के हाथ में लगे टैग पर नजर पड़ी। जिसमें साधना लिखा हुआ था। तब पता चला कि हमारे पास जो बच्चा है वह साधना का बच्चा है। उसके बाद अस्पताल में दिखाया तो ड्यूटी के दौरान उपस्थित डॉक्टर ने उस दिन के फोटो को चेक किया।
तब साफ हुआ कि बच्चे एक्सचेंज हो गए हैं। शबाना के पास मौजूद साधना के बच्चे की पुष्टि हुई। इस बच्चे में तिल का निशान था। तिल के निशान को देखकर भी कन्फर्म हो गया कि बच्चा उनका नहीं साधना का है। अजहर कुरैशी ने कहा कि हम चाहते हैं जिनका खून है वह उनके पास पहुंच जाए। यदि वे बच्चे की पुष्टि कराना चाहते है तो हम डीएनए टेस्ट के लिए भी राजी है। बस हमारा बच्चा हमको मिल जाए और उनका बच्चा उनके पास चला जाए।
टीम का किया जाएगा गठन
दुर्ग सीएचएमओ डॉ. मनोज दानी ने कहा बच्चा एक्सचेंज होने की जानकारी मिली है। अस्पताल से पूरी डिटेल मिलने के बाद एक टीम गठित की जाएगी। जिससे बच्चे अपने असली माता-पिता के घर पहुंच सके।