कॉपियां
विश्वविद्यालय पहुंची और वहां से इनकी जांच के लिए आगे मूल्यांकनकर्ता को भेजी गई। मूल्यांकनकर्ता ने उत्तरपुस्तिकाओं को जांचना शुरू किया, उनकी हैरानी बढ़ती चली गई। इस केंद्र से आई 22 उत्तरपुस्तिका में सभी के उत्तर एक जैसे मिले। यह ऐसा प्रतीत होता है, जैसे किसी ने बोलकर उत्तर लिखवाया हो। इन सभी 22 उत्तरपुस्तिकाओं में एक-एक शब्द हूबहू मिला। यह वार्षिक पैटर्न की बीए की परीक्षा थी, जिसमें इस तरह के सामूहिक नकल का संभवत: पहला मामला है।
कार्यपरिषद ने लिया फैसला सामूहिक नकल का यह मामला हेमचंद विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद में रखा गया। कार्यपरिषद के सभी सदस्यों ने इसे गंभीर मानते हुए सभी 22 विद्यार्थियों की परीक्षा को दोबारा से कराए जाने पर सहमति दी।
गुंडरदेही के माता कर्मा महाविद्यालय में सामूहिक नकल का मामला था। यहां के 22 छात्रों की उत्तरपुस्तिका में लिखे गए सभी उत्तर एक जैसे थे। उत्तरपुस्तिका की जांच के दौरान मूल्यांकनकर्ता ने इसकी सूचना विवि को दी। समिति ने निर्णय लिया कि इन सभी छात्रों की पूर्व परीक्षा को निरस्त करते हुए दोबारा ली जाए। इस तरह यह परीक्षा 15 जुलाई को होनी है।
भूपेंद्र कुलदीपकुलसचिव, हेमचंद विश्वविद्यालय री-एग्जाम क्यों, यूएफएम क्यों नहीं विश्वविद्यालयीन परीक्षा के दौरान उड़न दस्ता नकल करने वालों पर नकेल कसता है। शक के आधार पर छात्रों की जांच होती है, किसी भी तरह की नकल सामाग्री मिली तो इसे नकल प्रकरण माना जाएगा और समिति निर्णय लेगी। लेकिन सामूहिक नकल के इस मामले में फिलहाल, विश्वविद्यालय के पास कोई पुख्ता सबूत नहीं था, कॉपियों में उत्तर एक जैसे मिले थे।
ऐसे में नकल प्रकरण प्रत्यक्ष रूप से नहीं बनता। विश्वविद्यालय के मूल्यांकनकर्ता ने इस गलती को पकड़ा और मामले के बारे में विश्वविद्यालय को सूचना दी। इसके बाद परीक्षा समिति ने इसे गंभीरता से लिया और जांच शुरू हुई। जांच में माता कर्मा महाविद्यालय दोषी बताया गया है, जिसके बाद महाविद्यालय से परीक्षा को (डिबार) हटा दिया गया है। सेंटर ने विश्वास खो दिया है इसलिए अब यहां विश्वविद्यालय की परीक्षा नहीं हो सकेगी।
इसके अलावा इन सभी 22 विद्यार्थियों के लिए भी आदेश निकाला गया है। विश्वविद्यालय ने कहा है कि इनको 15 जुलाई को जिस विषय में नकल हुई यानी प्रिंसिपल ऑफ मैक्रो इकोनोमिक्स का पेपर दोबारा दिलाना होगा। परीक्षा केंद्र शहीद कौशल शा.महा.गुंडरदेही होगा।