डीजीजीआई की टीम बुधवार सुबह भीलवाड़ा पहुंची। टीम ने कांग्रेस नेता व सहकारी उपभोक्ता भंडार अध्यक्ष के जम्बेश्वर नगर स्थित मकान, मिर्च मंडी के पास कार्यालय तथा ग्रोथ सेंटर स्थित फैक्ट्री में एक साथ सर्वे किया। मकान में कुछ भी नहीं मिलने पर टीम ने कार्यालय व फैक्ट्री पर कागजात खंगालने पर जोर दिया। टीम को जांच के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले। फैक्ट्री मालिक के बाहर होने तथा फोन स्विच ऑफ होने से अधिकारी उनसे संपर्क नहीं हो पाया। यहां मिले दस्तावेज के आधार पर कार्यालय के कर्मचारियों से पूछताछ की जा रही है। कांग्रेस नेता के भाई की भी इसमें हिस्सेदारी बताई गई है। इसके आधार पर उनसे भी पूछताछ की गई है। अभी कार्रवाई जारी है।
एक पखवाड़े पहले की थी बड़ी कार्रवाई गौरतलब है कि डीजीजीआई ने एक दिनों पहले ने स्क्रैप कारोबारियों के 15 ठिकानों पर छापा मारकर 700 करोड़ की जीएसटी चोरी पकड़ी थी। डीजीजीआई जयपुर जोनल यूनिट ने जयपुर, सीकर, उदयपुर और भीलवाड़ा में छापेमारी की थी। इसमें लाखों टन माल की सप्लाई के दस्तावेज मिले थे। इस माल की बाजार कीमत करीब 4 हजार करोड़ रुपए बताई गई थी। इसमें 700 करोड़ का जीएसटी चोरी होना बताया जा रहा था। इस मामले में अलग-अलग जगहों से सात लोगों को गिरफ्तार किया है। इसमें एक भीलवाड़ा का अनुपम भी शामिल है।
बिना जीएसटी के सामान बेच रहे थे सूत्रों ने बताया कि कुछ फर्मे लोहे का सामान सरिया बनाने का काम करती हैं। वह बिना जीएसटी के सामान बाजार में बेच रही थी। इसकी गुप्त सूचना मिलने पर फैक्ट्री, गोदाम, वेयर हाउस की सूची बनाई गई थी। टीम ने उस दौरान सात लोगों को गिरफ्तार किया था। इसमें जयपुर के घासीलाल चौधरी, सीकर के केसरदेव शर्मा, उदयपुर और भीलवाड़ा के 3 स्क्रैप डीलरों को गिरफ्तार किया है। ट्रांसपोर्ट में मदद करने वाले 2 लोगों को भी गिरफ्तार किया था। भीलवाड़ा के लोगों से की गई पूछताछ के बाद भीलवाड़ा के सरिया व स्क्रैप व्यापारी का नाम सामने आने पर यह अगली कार्रवाई की गई। इस मामले में अन्य व्यापारियों से भी पूछताछ हो सकती है। क्योंकि जीएसटी चोरी करने वालों का कारोबार राजस्थान के साथ हरियाणा व पंजाब में फैला हुआ है। ये लोग फर्जी कंपनियों के नाम से लोहा और इस्पात के उत्पादों को बेचते हैं।