टीम को देख इधर-उधर भागे, पत्रिका टीम जब मंगरोप रोड़ पहुंची तो इस मार्ग से निकलने वाले बजरी से भरे ट्रैक्टर चालक टीम को देखकर इधर-उधर गलियों में भागने लगे। एस्कॉट कर रहे माफिया को फोन करके सूचना देते नजर आए। उसके बाद ट्रैक्टर गायब हो गए। जबकि एक घंटे में बीस से अधिक ट्रैक्टर निकल चुके थे। बजरी माफिया का कहना है कि खनिज विभाग कार्रवाई तो करती है। लेकिन एक ट्रैक्टर ट्रॉली को पकड़ने के बाद बीस से अधिक वाहन अफसरों से ही आसानी से निकल जाते है। कार्रवाई के नाम पर महज खानापूर्ति होती है।
सरकार के आदेश भी नहीं मानते जनप्रतिनिधि सीएम शर्मा ने अवैध खनन रोकने के लिए प्रदेश में सख्ती करने के आदेश दिए। प्रशासन ने भी महज दिखावे के लिए कागजी अभियान चला रखा है। उधर, सरकार ने रायपुर-सहाड़ा क्षेत्र में बजरी की लीज दे रखी है, वहा से बजरी का खनन जनप्रतिनिधि या उनके परिवार के लोग नहीं करने दे रहे है। इसके कारण रायपुर-सहाड़ा क्षेत्र में लगातार बजरी का अवैध दोहन हो रहा है। इस क्षेत्र के जनप्रतिनिधि भी सरकार के आदेश को नहीं मानते। जनप्रतिनिधि का कहना है कि सरकार ने रायपुर-सहाड़ा क्षेत्र में बजरी की कोई लीज जारी नहीं कर रखी है। अगर जारी भी कर रखी है तो बजरी नहीं निकालने देंगे। मामले में कलक्टर, खनिज विभाग के अधिकारियों ने भी दखल दिया, लेकिन सरकार के आदेश मानने को तैयार नहीं है।