बता दें कि पतंजलि फूड प्रोसेसिंग में लगातार काम कर रहा है। अब आइटी और सोलर के क्षेत्र में भी संभावनाएं देख रहा है। इसके लिए मप्र अच्छी जगह है। ये बातें पतंजलि आयुर्वेद के चेयरमैन आचार्य बालकृष्ण ने कहीं। पत्रिका से उन्होंने अपनी कंपनी और मप्र में निवेश पर खुलकर बात की। उनसे हुई बातचीत के प्रमुख अंश…।
मप्र में उद्योगों के दृष्टिकोण से क्या-क्या संभावनाएं देखते है ?
काफी संभावनाएं हैं। पतंजलि की अभी पांच से ज्यादा यूनिट यहीं हैं। यहां कानून व्यवस्था अच्छी है। भविष्य में हम फूड प्रोसेसिंग के साथ आइटी व सोलर के क्षेत्र में भी बड़ा काम करेंगे।
मप्र कृषि प्रधान राज्य है। ऐसे में किसानों को आप कैसे जोड़ेंगे ?
देश में सबसे बड़ा सोया प्रोसेसिंग का काम पतंजलि करता है। हर साल हम 5 लाख टन से ज्यादा सोयाबीन प्रोसेस करते हैं। हमसे हमारों किसान परिवार जुड़े हैं। यदि कोई किसानों से जुड़ा उद्योग लगाता है तो उनकी आय बढ़ती है। देश की समृद्धि भी बढ़ती है।
ऐसे उद्योगों से आम जनता को कैसे रोजगार मिलेगा ?
पतंजलि की फूड प्रोसेसिंग यूनिट से करीब 4 से 5 हजार लोगों को सीधा रोजगार मिला है। अप्रत्यक्ष रूप से हमारे इस काम से हजारों लोग जुड़े हुए हैं। यूं कहें कि एक तरह से उनके जीवन में रोजगार के सृजन प्रोसेसिंग यूनिट्स से ही हो रहा है