अभी तक
इंदौर में हुईं जीआइएस में सीमित स्थान के चलते कभी इतने बड़े स्तर पर एक्सपो का आयोजन नहीं किया गया। एमपीआइडीसी के एमडी चंद्रमौली शुक्ला ने बताया कि भोपाल के राष्ट्रीय मानव संग्रहालय में काफी जगह उपलब्ध है, इसलिए एक्सपो के लिए अलग डोम बनवाए जा रहे हैं।
एमपी मोबिलिटी
इसमें
मध्य प्रदेश में परिवहन के लिए उपयोग किए जाने वाले पुराने से लेकर नए सभी साधन प्रदर्शित किए जाएंगे। इसमें कारों के विंटेज मॉडल से लेकर आधुनिक मॉडल देखने को मिलेंगे। इसके साथ भविष्य की झलक भी दिखाई जाएगी। इसमें इलेक्ट्रिक व्हीकल, स्मार्ट ट्रांसपोर्ट सॉल्यूशन और मजबूत अधोसंरचना भी बताई जाएगी।
फेबिक्र एंड फैशन
परंपरागत महेश्वरी, चंदेरी, बाग प्रिंट साडिय़ों के साथ रेशम के काम को प्रदर्शित किया जाएगा। टेक्सटाइल क्षेत्र में आधुनिक मशीनों, तकनीकों के उपयोग को भी दिखाया जाएगा। कपास उत्पादन और अन्य क्षमताएं भी प्रदर्शित की जाएंगी। इसके साथ धार जिले में बन रहे टेक्सटाइल पार्क में निवेश की संभावनाओं को भी दिखाया जाएगा।
मध्यप्रदेश पवेलियन
एमपी का पूरा औद्योगिक परिदृश्य, विभिन्न क्षेत्रों में निवेश की संभावनाओं, मप्र की ताकत का प्रदर्शन होगा। बड़े औद्योगिक पार्क, बड़े निवेश वाले प्रोजेक्ट और उद्योगों के लिए विकसित इंफ्रास्ट्रक्चर को दिखाया जाएगा। माइनिंग, आइटी, पर्यटन, नवकरणीय ऊर्जा, अर्बन डेवलपमेंट, स्टार्टअप आदि क्षेत्रों के प्रोजेक्ट का प्रदर्शन होगा।
आईटी के लिए मिलेगी 5 लाख वर्गफीट जगह
मध्यप्रदेश में वर्तमान में आइटी कंपनियों के लिए एक मिलियन वर्गफीट आइटी स्पेस उपलब्ध है, और पांच लाख वर्गफीट का नया आइटी इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जा रहा है। राज्य में डेटा सेंटर पार्क (50 एकड़) विकसित किया जा रहा है। इससे एआइ, क्लाउड कंह्रश्वयूटिंग और बड़े डेटा केंद्रों की स्थापना को बढ़ावा मिलेगा। इंदौर में क्रिस्टल आईटी पार्क 3 और 4 विकसित किए जा रहे हैं, जिससे नई आइटी कंपनियों के लिए बेहतरीन अवसर खुलेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि जीआइएस में आईटी, आईटीइएस और ईर्एसडीएम सेक्टर की बड़ी कंपनियां शामिल होंगी। जिससे मध्यप्रदेश इस सेक्टर में भी नई ऊंचाइयों को हासिल करेगा।
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