GIS 2025: क्या एलन मस्क और टिम कुक भी करेंगे एमपी में निवेश?
GIS 2025: भोपाल में प्रस्तावित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को लेकर निवेशकों की रुचि और प्रदेश सरकार की तैयारियों पर पत्रिका की मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से विशेष बातचीत।
विजय चौधरी GIS 2025: मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास की नई इबारत लिखने को तैयार है। सरकार निवेशकों के विश्वास को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है और छोटे से लेकर बड़े उद्योगों को प्रोत्साहित कर रही है। इस समिट में कई देशों के उद्योगपति भी भोपाल पहुंच गए हैं। इस ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को लेकर निवेशकों की रुचि और प्रदेश सरकार की तैयारियों पर पत्रिका की मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से विशेष बातचीत। मुख्यमंत्री ने बताया कि किस तरह सरकार निवेशकों का विश्वास जीतकर प्रदेश को ‘औद्योगिक हब’ बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। पढ़िए, बातचीत के संपादित अंश:
प्रश्न: आप लगातार निवेशकों से मिल रहे हैं और निवेशक भी पूरे देश में घूमते हैं। निवेशक के मन में क्या चाहत होती है?
मुख्यमंत्री: कई बार यह भ्रम होता है कि बड़ी छूट देने से निवेशक प्रदेश में आएंगे, लेकिन इससे ज्यादा अहम व्यवहार है। निवेशक आत्म सम्मान और सुरक्षा चाहते हैं। जब हम उनसे मिलते हैं, तो उन्हें भरोसा देते हैं और भरोसे के आधार पर ही वे निवेश का निर्णय लेते हैं। जब कोई निवेशक आ रहा है, तो समझिए कि उनका विश्वास बन चुका है।
प्रश्न: डबल इंजन की सरकार देश के 21 राज्यों में है। सभी निवेशकों को आकर्षित कर रहे हैं। इस प्रतिस्पर्धा में मध्यप्रदेश कहां खड़ा है?
मुख्यमंत्री: मैं इसे प्रतिस्पर्धा नहीं मानता। बाजार में कई दुकानें होती हैं, लेकिन वही चलता है जिसका व्यवहार अच्छा और गुणवत्ता उत्तम हो। हम निवेशकों की सभी जरूरतों का ध्यान रख रहे हैं और उनके अनुसार बदलाव के लिए तैयार हैं। प्रशासनिक अनुभव भी इसमें महत्वपूर्ण होता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हमने यह सीखा है कि निवेशकों से अच्छा व्यवहार करें। इस सीख को आत्मसात करने मैं गुजरात भी गया और वहां की औद्योगिक नीतियों का अध्ययन कर उन्हें प्रदेश में लागू किया।
प्रश्न: आपने उद्योग नीति में बदलाव किए हैं और नई नीतियां भी लाए हैं। इसकी जरूरत क्यों पड़ी?
मुख्यमंत्री: ‘करत करत अभ्यास के जड़मत होत सुजान’, ऐसा ही हुआ है। हमने पूरे देश की नीतियों को समझा और उन्हें बेहतर बनाने में जुटे। सरकारी अड़चनों को खत्म कर एक सरलीकृत और पारदर्शी व्यवस्था बनाई है। प्रधानमंत्री ने ‘बाबूराज’ को समाप्त किया और हम भी उसी दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। यदि ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ अच्छा होगा, तो निवेशक स्वतः ही आएंगे।
प्रश्न: निवेशकों को कोई परेशानी नहीं आए, इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी?
मुख्यमंत्री: बतौर मुख्यमंत्री, मैं इसकी पूरी जिम्मेदारी लेता हूं। मैं निवेशकों से खुलकर कह रहा हूं कि यदि किसी को कोई परेशानी हो, तो हमें बताएं, हम तत्काल सुधार करेंगे।
प्रश्न: क्या आप एलन मस्क की टेस्ला या टिम कुक की एप्पल जैसी टॉप कंपनियों को मध्यप्रदेश में लाना चाहते हैं?
मुख्यमंत्री: भारत के लिए दुनिया के दरवाजे खुले हैं, लेकिन हमें अधिक खुशी तब होगी जब हमारे उद्योगपतियों में से कोई एलन मस्क बने। बाहरी निवेशकों का स्वागत है, लेकिन हम अपने स्थानीय उद्योगों को भी प्राथमिकता दे रहे हैं। लघु और सूक्ष्म उद्योगों को प्रोत्साहित करना हमारी रणनीति का अहम हिस्सा है।
प्रश्न: मध्यप्रदेश एक कृषि प्रधान राज्य है, लेकिन अब औद्योगिक क्रांति की ओर बढ़ रहा है। इस बदलाव के लिए सरकार की क्या रणनीति है?
मुख्यमंत्री: औद्योगिक क्रांति के बिना विकसित मध्यप्रदेश का लक्ष्य प्राप्त नहीं किया जा सकता। कृषि क्षेत्र में भी बदलाव के लिए आधुनिक तकनीक, प्रसंस्करण और संसाधनों की जरूरत होती है, जो उद्योगों से ही संभव है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले हमने क्षेत्रीय उद्योग सम्मेलनों का आयोजन किया और देश-विदेश में निवेशकों से संवाद किया।
प्रश्न: पहले की इन्वेस्टर्स समिट इंदौर में होती रही हैं, लेकिन इस बार भोपाल को चुना गया। इसके पीछे क्या रणनीति है?
मुख्यमंत्री: प्रधानमंत्री का स्पष्ट विजन है कि सभी को विकास के समान अवसर मिलने चाहिए। प्रदेश की औद्योगिक पहचान किसी एक शहर तक सीमित नहीं रहनी चाहिए। हमने संभाग स्तर तक जाकर पूरे प्रदेश में निवेश संभावनाओं को प्रस्तुत किया है। भोपाल में यह आयोजन प्रदेश की औद्योगिक यात्रा में मील का पत्थर साबित होगा।
प्रश्न: निवेश को रोजगार से कैसे जोड़ा जाएगा?
मुख्यमंत्री: जब निवेश आएगा, तो लाखों रोजगार के अवसर पैदा होंगे। उद्योगों से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। हम युवाओं को नौकरी मांगने वाला नहीं, बल्कि नौकरी देने वाला बनाना चाहते हैं।
प्रश्न: विपक्ष का आरोप है कि भाजपा शासनकाल में निवेश की सफलता दर मात्र 3% रही है। सरकार इसका क्या जवाब देगी?
मुख्यमंत्री: हमारे प्रयासों की सफलता जनता के आशीर्वाद में दिखती है। विपक्ष ने प्रदेश को बीमारू बना दिया था, लेकिन हमने इसे औद्योगिक राज्य बनाने का संकल्प लिया है।
प्रश्न: औद्योगिक रूप से पिछड़े जिलों में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है?
मुख्यमंत्री: हमने सभी संभागों में निवेश संभावनाओं को रखा और निवेशकों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। आने वाले वर्षों में पूरे प्रदेश में औद्योगिक विकास होगा।
प्रश्न: उद्योगों को प्रशिक्षित मानव संसाधन की जरूरत होती है। इस दिशा में सरकार का क्या रोडमैप है?
मुख्यमंत्री: उद्योगों की मांग के अनुसार तकनीकी और व्यावसायिक पाठ्यक्रम तैयार किए गए हैं। स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षित कर उन्हें रोजगार के योग्य बनाया जा रहा है। स्किल डेवलपमेंट हमारी प्राथमिकता में शामिल है।
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