खाद्य मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत ने बताया कि रबी विपणन वर्ष 2025-26 में समर्थन मूल्य पर गेहूं का उपार्जन अब पूरे प्रदेश में एक साथ 15 मार्च से किया जाएगा। राज्य सरकार ने किसानों की मांग पर ही यह निर्णय लिया है।
वर्तमान में अधिकांश जगहों पर गेहूं की फसल खेतों में ही खड़ी है। ज्यादातर जगहों पर कटाई पूर्ण नहीं हुई। मंडियों में जो नए गेहूं आ रहे हैं उनमें समर्थन मूल्य उपार्जन के लिए निर्धारित नमी का प्रतिशत भारत सरकार द्वारा तय किए गए मानक से अधिक पाया जा रहा है। किसानों को इन असुविधाओं से बचाने के लिए राज्य सरकार द्वारा 15 मार्च से खरीदी शुरु करने का निर्णय लिया गया है।
बता दें कि विगत वर्षों में भी समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी का काम 15 मार्च के बाद से ही प्रारम्भ किया जाता रहा है। इस बार सरकार ने गेहूं खरीदी की तिथि में बदलाव करते हुए कुछ संभागों में 01 मार्च से उपार्जन शुरु करने की बात कही थी। इंदौर, उज्जैन, भोपाल एवं नर्मदापुरम में 01 मार्च से और शेष संभागों में 17 मार्च से गेहूं खरीदी शुरु होनी थी लेकिन अब पूरे प्रदेश में 15 मार्च की तिथि तय की गई है।
खाद्य मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि किसानों के हित में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और राज्य की बीजेपी सरकार ने कई बड़े निर्णय लिए हैं। खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए सरकार द्वारा ये कदम उठाये जा रहे हैं।
खाद्य मंत्री के मुताबिक रबी विपणन वर्ष 2025-26 में भारत सरकार द्वारा गेहूं के समर्थन मूल्य में 150 प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है। केंद्र ने समर्थन मूल्य 2425 रूपए प्रति क्विंटल घोषित किया गया है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किसान हितैषी बडा निर्णय लेते हुए गेहूं खरीदी में बोनस देने की घोषणा की है। प्रदेश में समर्थन मूल्य 2425 रूपए के अतिरिक्त 175 रूपए प्रति क्विंटल बोनस दिया जाएगा। इस प्रकार राज्य के किसानों से 2600 रूपए प्रति क्विंटल की दर से समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी की जाएगी।
खाद्य मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि प्रदेश में इस बार करीब 80 लाख मे. टन गेहूं उपार्जन का अनुमान है। इस उपार्जन पर किसानों को 19,400 करोड़ रूपए समर्थन मूल्य की राशि के रूप में दिए जाएंगे। खास बात यह है कि बोनस की राशि के रूप में किसानों 1400 करोड़ रूपए का भुगतान किया जाना संभावित है। बोनस का यह पैसा किसानों के लिए अतिरिक्त लाभ होगा।