17 फरवरी तक जेल भेजा गया
मंगलवार को सौरभ शर्मा उसके साथी चेतन सिंह गौर और शरद जायसवाल को रिमांड खत्म होने के बाद कोर्ट में पेश किया गया था जहां से उन्हें 17 फरवरी तक की हिरासत में जेल भेज दिया है। इससे पहले कोर्ट ने आरोपियों की लोकायुक्त पुलिस को रिमांड सौंपी थी लेकिन 7 दिन की पूछताछ में तीनों में से किसी से भी कोई ठोस जानकारी लोकायुक्त पुलिस नहीं उगलवा पाई है। कई बड़े सवाल अभी भी अनसुलझे ही हैं। बता दें कि लोकायुक्त पुलिस ने सौरभ और चेतन सिंह गौर के ठिकानों पर 18 दिसंबर को छापा मारा था। इसके 40 दिन बाद कोर्ट में सरेंडर करने जा रहे सौरभ को 28 जनवरी को गिरफ्तार किया था। सौरभ के साथ उसी दिन चेतन और शरद भी गिरफ्तार हुए थे। नार्को टेस्ट से खुलेगा राज !
रिमांड के दौरान पूछताछ में सौरभ व दोनों अन्य आरोपियों से तमाम प्रयासों के बावजूद लोकायुक्त पुलिस ये नहीं उगलवा पाई है कि कार में मिला 52 किलो सोना और 10 करोड़ रूपए कैश किसका है? ऐसे में अब नार्को टेस्ट कराने पर भी पुलिस विचार कर रही है। इसके लिए विधि विशेषज्ञों की राय ली जाएगी। कोर्ट की अनुमति से नार्को टेस्ट कराया जा सकता है। अंदेशा है कि सौरभ व उसके साथी पूछताछ में कई बड़े अधिकारियों व नेताओं के नाम उजागर कर सकते हैं।