मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उज्जैन में धार्मिक शहर बनाने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि 3300 हेक्टेयर में यह शहर बसाया जाएगा। यहां स्कूल-कॉलेज-अस्पताल बनाए जाएंगे। सिंहस्थ 2028 को देखते हुए साधु-संतों, महंतों, महामंडलेश्वरों, शंकराचार्य को स्थायी रूप से जमीन दी जा रही है जहां यह नया शहर विकसित किया जाएगा। यहां आश्रम और धर्मशाला भी बना सकेंगे। यह शहर करीब 2000 करोड़ रुपए से विकसित किया जाएगा।
यह भी पढ़ें: शिवराज, सिंधिया की मंच पर कुर्सी नहीं, बीजेपी की मीटिंग में नीचे की कतार में बैठेंगे बड़े नेता बता दें कि उज्जैन में सिंहस्थ 2028 को ध्यान में रखते हुए विशाल नया नगर बनाने की यह योजना बनाई गई है। यहां 200 फीट तक की चौड़ी सड़कें होंगी, सुविधाजनक हॉस्पिटल बनाए जाएंगे और नए स्कूल कॉलेज भी निर्मित किए जाएंगे। सिंहस्थ क्षेत्र में पक्के निर्माण के प्रोजेक्ट के अंतर्गत यह धार्मिक शहर बसाया जाएगा। इसे उज्जैन विकास प्राधिकरण (यूडीए) विकसित करेगा।
यूडीए अधिकारियों के अनुसार प्रोजेक्ट के अंतर्गत नए शहर में अंडरग्राउंड सीवर सिस्टम होगा और बिजली लाइनें भी अंडरग्राउंड होंगी। यहां बारिश के पानी की निकासी की अत्याधुनिक व्यवस्था होगी। यूडीए इसके लिए सर्वे पूरा कर चुका है। अगले 3 सालों में यह नगर आकार ले लेगा।
राज्य सरकार द्वारा सिंहस्थ क्षेत्र में अखाड़ों, साधु-संतों, महामंडलेश्वरों को स्थायी निर्माण की मंजूरी देने के बाद नए व्यवस्थित शहर बसाने की योजना पर काम किया जा रहा है। यूडीए ने इसके लिए फील्ड व टेक्निकल सर्वे पूरा कर लिया है। करीब 2000 करोड़ रुपए से यह विकास किया जाएगा।