scriptटूटे रिश्तों को इक डोर में बांध रही खाकी, 3 साल में 1540 परिवारों को ऐसे टूटने से बचाया | Khaki is tying broken relationships into a single thread, saved 1540 families from breaking up in 3 years | Patrika News
बीकानेर

टूटे रिश्तों को इक डोर में बांध रही खाकी, 3 साल में 1540 परिवारों को ऐसे टूटने से बचाया

महिला थाना में पिछले साल 1540 पति-पत्नी फिर से एक हुए। थानाधिकारी महेश कुमार शीला इसे महिला थाना स्टाफ का जिमेदारी से प्रयास करने को मानते हैं।

बीकानेरMar 05, 2025 / 12:14 pm

Brijesh Singh

पति-पत्नी का संबंध भले अटूट हो लेकिन दापत्य की डोर नाजुक हो रही है। पति-पत्नी में मामूली खटास दूरी पैदा करने की वजह बन जाती है। कुछ मामलों में रिश्ता ऐसे मोड़ पर आ खड़ा होता है, जहां से दोनों के रास्ते अगल-अलग हो जाते हैं। बीकानेर में पति-पत्नी के बीच विवाद के मामलों में दहेज की मांग की वजह बहुत कम सामने आ रही है। अधिकांश मामलों में मोबाइल, बाहरी हस्ताक्षेप और ससुराल में आजादी और बंदिशों को लेकर झिक-झिक जैसी वजह ज्यादा हावी रही है। इस बदलते परिवेश में पुलिस के प्रयासों से एक दो नही,ं बल्कि 1500 से ज्यादा परिवार टूटने से बचे हैं।
पुलिस की सलाह व समझाइश और पति-पत्नी के साथ बैठाकर गलत फहमियां दूर करने का सुखद परिणाम सामने आया है। एक हजार से ज्यादा तो ऐसे मामले पुलिस ने सुलझा दिए, जिनमें पति-पत्नी सालों से अलग रह रहे थे। परिवार और बिरादरी ने उनके फिर से एक साथ रहने की उमीद तक छोड़ दी थी। महिला थाना में पिछले साल 1540 पति-पत्नी फिर से एक हुए। थानाधिकारी महेश कुमार शीला इसे महिला थाना स्टाफ का जिमेदारी से प्रयास करने को मानते हैं। उन्होंने बताया कि थाने आने वाले परिवादों में पति-पत्नी के घरेलू झगड़े , कलह और तनाव के मामले ही ज्यादा होते हैं। थाने पहुंचने तक यह परिवार टूटने की कगार पर होते हैं। ऐसे में सबसे पहले पुलिस अपने स्तर पर दोनों के बीच विवाद की वजह की खोजती है। फिर उसके अनुसार सुलह कराने के प्रयास करती है। दोनों पक्षों से गंभीरता और समझदारी से बात की जाती है। इससे मामला सुलझने के ट्रैक पर आने लगता है।
यूं दूर किए गिले-शिकवे

महिला थाने में दोनों पक्षों से अलग अलग बात कर त्रिस्तरीय काउंसिलिंग कराई गई। इसमें सारे गिले शिकवे दूर करने का प्रयास किया गया। कई मामलों में पहली काउंसिलिंग में बात नहीं बनी तो दूसरी-तीसरी काउंसलिंग की गई। कई बार एक पक्ष मान जाता हैं और दूसरा पक्ष नहीं मानता। उन्हें कुछ कानून का डर भी दिखाया जाता है। थाने और कचहरी में समय व धन की बर्बादी नहीं करने की समझाइश की जाती है।
तीन साल में आए 2297 परिवाद

महिला थाने के मुताबिक, बीते तीन साल में पति-पत्नी विवाद संबंधी 2297 परिवाद दर्ज हुए। इसमें से पुलिस ने 1540 मामलों में घर टूटने से बचाया। वर्ष 2022 में 729 मामलों में से 457 में समझौता कराया। 185 में पुलिस ने चालान पेश कर दिया। वर्ष 2023 में 813 मामलों में से 543 में समझौता कराया। 204 में पुलिस ने चालान पेश किया। वर्ष 2024 में 755 शिकायतों में से 540 में समझौता और 197 में चालान किया गया।

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