scriptरेप पीड़िता के सोशल अकाउंट की जांच की मांग खारिज, हाईकोर्ट ने कहा- यह निजता के अधिकार का उल्लंघन.. | investigation of rape victim's social account rejected | Patrika News
बिलासपुर

रेप पीड़िता के सोशल अकाउंट की जांच की मांग खारिज, हाईकोर्ट ने कहा- यह निजता के अधिकार का उल्लंघन..

CG Rape News: बिलासपुर हाईकोर्ट ने बलात्कार पीड़िता के सोशल मीडिया अकाउंट फेसबुक और इंस्टाग्राम प्रोफाइल की छानबीन की मांग को खारिज कर दिया है।

बिलासपुरMay 03, 2025 / 08:31 am

Shradha Jaiswal

रेप पीड़िता के सोशल अकाउंट की जांच की मांग खारिज, हाईकोर्ट ने कहा- यह निजता के अधिकार का उल्लंघन..
CG Rape News: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर हाईकोर्ट ने बलात्कार पीड़िता के सोशल मीडिया अकाउंट फेसबुक और इंस्टाग्राम प्रोफाइल की छानबीन की मांग को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने पीड़िता की निजता के उल्लंघन के आधार पर ट्रायल कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा है।
यह भी पढ़ें

Bilaspur News: इन मांगों को लेकर एनएसयूआई ने किया प्रदर्शन, शव यात्रा निकाल कर छात्रों ने पुतला फूंका

CG Rape News: यह निजता के अधिकार का उल्लंघन

अभियुक्त (याचिकाकर्ता) के खिलाफ पीड़िता द्वारा लगाए गए आरोपों की प्रामाणिकता को सत्यापित करने के लिए पीड़िता के सोशल मीडिया अकाउंट के छानबीन की मांग की गई थी। जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की सिंगल बेंच ने बचाव पक्ष के इस अनुरोध को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने पीड़िता के फेसबुक या इंस्टाग्राम अकाउंट तक पहुंचने और उसे देखने की निवेदन को खारिज कर उचित निर्णय दिया है।
यदि संबंधित फेसबुक या इंस्टाग्राम अकाउंट की जांच करने और ऑडियो रिकॉर्ड चलाने की अनुमति दी जाती है, तो पीड़िता की निजता से समझौता हो सकता है। हाईकोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत ‘निजता के अधिकार’ के नजरिए से इस मुद्दे पर फैसला दिया। सुप्रीम कोर्ट की 9 जजों की पीठ ने भी इसे आधिकारिक तौर पर उचित ठहराया है।

मानवीय गरिमा के लिए निजता आवश्यक

जस्टिस वर्मा ने फैसले में कहा कि निजता का अधिकार एक मानव अधिकार है, जो कई अंतरराष्ट्रीय संधियों और संस्थानों में निहित है। उन्होंने कहा, “निजता एक ऐसा अधिकार है जिसका हर इंसान अपने अस्तित्व के आधार पर आनंद उठाता है। यह शारीरिक अखंडता, व्यक्तिगत स्वायत्तता, राज्य की निगरानी से सुरक्षा, गरिमा, गोपनीयता आदि जैसे अन्य पहलुओं तक विस्तारित हो सकता है।
निजता एक अवधारणा के रूप में नई नहीं है। निजता का अधिकार इन अधिकारों में से एक है क्योंकि संविधान के अनुच्छेद 21 में जीवन के अधिकार को लचीले ढंग से परिभाषित किया गया है ताकि किसी व्यक्ति के अस्तित्व के सभी हिस्सों को कवर किया जा सके जो उसके जीवन को अधिक सार्थक बनाते हैं।

डिजिटल युग में डेटा मूल्यवान संसाधन

कोर्ट ने कहा कि डिजिटल युग में, डेटा एक मूल्यवान संसाधन है जिसे अनियंत्रित नहीं किया जाना चाहिए। वर्तमान मामले में अभियोक्ता ने इस तथ्य से साफ इनकार किया है कि वह याचिकाकर्ता और उसके परिवार के सदस्यों के साथ रह रही थी, जो कि याचिकाकर्ता द्वारा ट्रायल कोर्ट में दायर की गई तस्वीरों से पता चलता है।
हालांकि, अभियोक्ता ने आरोप लगाया कि उसके फेसबुक या इंस्टाग्राम आईडी से उसकी तस्वीरें प्राप्त करने के बाद उसे मॉर्फ (छेड़छाड़) किया गया है। न्यायालय का मानना था कि ट्रायल कोर्ट ने पीड़िता के सोशल मीडिया हैंडल की जांच करने की याचिकाकर्ता की प्रार्थना को सही तरीके से खारिज किया। है, क्योंकि इस तरह की पहुंच से उसकी निजता के अधिकार का उल्लंघन होने की संभावना है।

Hindi News / Bilaspur / रेप पीड़िता के सोशल अकाउंट की जांच की मांग खारिज, हाईकोर्ट ने कहा- यह निजता के अधिकार का उल्लंघन..

ट्रेंडिंग वीडियो