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बिलासपुर

CG Election 2025: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की जंग, कोई हल, छाता, टॉर्च लेकर मैदान में उतरेंगे तो कोई कुल्हाड़ी

CG Election 2025: बिलासपुर की पंचायतों में इस बार हल, छाता, टॉर्च और कुल्हाड़ी छाप की प्रत्याशियों में जबरदस्त मांग देखी जा रही है।

बिलासपुरFeb 02, 2025 / 04:47 pm

Shradha Jaiswal

पंचायत चुनाव का माहौल गरमाया! कोई हल, छाता, टॉर्च लेकर मैदान में उतरेंगें तो कोई कुल्हाड़ी
CG Election 2025: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में ऐसे में हर छाप की अलग ही मांग होती है। बिलासपुर की पंचायतों में इस बार हल, छाता, टॉर्च और कुल्हाड़ी छाप की प्रत्याशियों में जबरदस्त मांग देखी जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों से चुनाव लड़ने वाले कुछ प्रत्याशियों ने बताया कि खेती-किसानी करने वाले ग्रामीणों को रोजमर्रा में उपयोग आने वाली चीजों की जानकारी देना आसान होता है।

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यही कारण है कि गांवों में पारंपरिक चुनाव चिह्नों को लेकर मतदाताओं में अधिक रुचि रहती है। हल, छाता, टॉर्च और कुल्हाड़ी जैसे चिह्न ग्रामीण क्षेत्रों में आसानी से पहचाने जाते हैं, जिससे प्रत्याशी इन चिह्नों के माध्यम से जनता को अपने पक्ष में वोट देने के लिए समझाने में आसानी महसूस करते हैं। ऐसे में इन वस्तुओं को चुनाव चिह्न के रूप में मिल जाने से ग्रामीण मतदाताओं को समझाने में आसानी होती है, जिसके कारण इस तरह के छाप की मांग हमेशा अधिक रहती है।

CG Election 2025: नगरीय निकाय से ज्यादा जिला पंचायत में प्रत्याशी

निगम में 1 महापौर और 70 वार्ड पार्षद पदों के लिए चुनाव होगा। जिला पंचायत बिलासपुर में 17 जिला पंचायत सदस्य, 100 जनपद सदस्य, 486 सरपंच और 7221 पंच पदों के लिए। ऐसे में निगम में जहां अनुमानित 300 से 350 प्रत्याशी चुनाव मैदान में होते हैं, वहीं पंचायत में लगभग 10 हजार से अधिक प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरकर जीत के लिए प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे चुनावी सरगर्मी बढ़ती जा रही है।

निगम की अपेक्षा पंचायत प्रत्याशियों को प्रचार के लिए ज्यादा समय

पंचायत चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया जारी है और 3 फरवरी को नामांकन की अंतिम तिथि निर्धारित की गई है। शहरों में भी चुनावी माहौल बनने लगा है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में चुनावी गतिविधियां अधिक तेज नजर आ रही हैं। निकाय चुनाव में मतदान 11 फरवरी को है, ऐसे में प्रत्याशियों को प्रचार के लिए जहां 10 दिन मिल रहे हैं, वहीं पंचायत चुनाव में उम्मीदवारों को 17 से 20 दिन का समय दिया जा रहा है। इससे प्रत्याशी गांव-गांव जाकर प्रचार कर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों से संपर्क साधने के लिए उम्मीदवार जनसंपर्क, नुक्कड़ सभाओं और घर-घर जाकर प्रचार भी कर रहे हैं।

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