पंडित प्रभाकर कारेकर का निधन
पंडित प्रभाकर कारेकर का निधन भारतीय संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनका योगदान हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत और भक्ति संगीत के क्षेत्र में हमेशा याद किया जाएगा। गोवा के सीएम प्रमोद सावंत भी उनके जाने से दुखी हैं। उन्होंने पंडित प्रभाकर कारेकर को श्रद्धांजलि देते हुए एक्स पर लिखा- ‘हिंदुस्तानी शास्त्रीय और अर्ध शास्त्रीय गायक पंडित प्रभाकर कारेकर के निधन के बारे में जानकर दुख हुआ। उन्होंने गोवा के अंत्रुज महल में जन्मे, पंडित जितेंद्र अभिषेकी के संरक्षण में हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत सीखा।’
पंडित प्रभाकर का अंतिम संस्कार
गौरतलब है कि, पंडित प्रभाकर कारेकर के पार्थिव शरीर को आज अंतिम दर्शन के लिए उनके दादर स्थित आवास पर रखा जाएगा। शाम 5 बजे दादर के श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। पंडित प्रभाकर के प्रमुख गाने
पंडित प्रभाकर कारेकर की प्रमुख रचनाओं में “बोलावा विठ्ठल पाहावा विठ्ठल”, “वक्रतुण्ड महाकाय”, “तीर्थ विठ्ठल क्षेत्र विठ्ठल विठ्ठल गीते”, “माया जवळ नसे या नामे”, और “क्षण एक मना” शामिल हैं। उन्होंने मराठी भक्ति गीत और अभंग संगीत में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। वो ऑल इंडिया रेडियो पर खूब सुने जाते थे। पंडित प्रभाकर कारेकर का जन्म गोवा में हुआ था। उन्होंने हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत को अपनी विशिष्ट शैली में प्रस्तुत किया और कई प्रतिष्ठित भक्ति रचनाएं गाईं।
पुरस्कार और सम्मान
पंडित प्रभाकर कारेकर को तानसेन सम्मान, संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, और गोमंत विभूषण पुरस्कार जैसे कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजा गया।