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वन्यजीवों के मार्ग में मौत के ’हाई-वे’, अंडरपास व सुरक्षा दीवार बनाने की फिर उठी मांग

गुढ़ानाथावतान.जयपुर से कोटा के बीच बनी फोरलेन सड़क-52 पर बूंदी के रामगढ़ विषधारी वन्यजीव अभयारण्य के पास 5 अण्डरपास व सुरक्षा दिवार प्रस्तावित होने के बावजूद अब तक नहीं बनाई गई।

बूंदीFeb 05, 2025 / 08:13 pm

पंकज जोशी

वन्यजीवों के मार्ग में मौत के ’हाई-वे’, अंडरपास व सुरक्षा दीवार बनाने की फिर उठी मांग

गुढ़ानाथावतान। रामगढ विषधारी टाइगर रिजर्व के भीमलत बफर जोन में बीजा के नाले से गुजरता राज्य मार्ग 29 (फाइल फोटो)

बूंदी. गुढ़ानाथावतान.जयपुर से कोटा के बीच बनी फोरलेन सड़क-52 पर बूंदी के रामगढ़ विषधारी वन्यजीव अभयारण्य के पास 5 अण्डरपास व सुरक्षा दिवार प्रस्तावित होने के बावजूद अब तक नहीं बनाई गई। जिसका खामियाजा वाहन चालकों व वन्यजीवों को जान गंवाकर भुगतना पड़ रहा है। इस राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण के दौरान वन विभाग व निर्माण कंपनी के मध्य सथूर से बूंदी टनल तक 5 अंडरपास व सुरक्षा दीवार बनाए जाने की योजना थी।
वन्यजीव बोर्ड के सदस्यों,बूंदी के वन्यजीव प्रेमियों व वन विभाग के अधिकारियों की एक समिति ने सड़क निर्माण कंपनी के साथ अंडरपास के लिए स्थान भी निर्धारित किए थे,लेकिन इस योजना को नजर अंदाज कर सड़क बना दी। यह मामला नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में भी पंहुचा। लेकिन अभी तक इस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है। इसी प्रकार हाड़ौती एवं उपरमाल क्षेत्र से गुजर रहे शिवपुरी पिंडवाड़ा फोरलेन पर बूंदी जिले के खड़ीपुर टोल नाके के आसपास मुकुन्दरा टाईगर रिजर्व के सघन वन क्षेत्र व भीलवाड़ा जिले के मेनाल वनखंड में उचित अण्डरपास व सुरक्षा दिवार नहीं बनने से आए दिन वन्यजीवों की दुर्घटनाओं में मौत की घटनाएं होती रहती है।
इसलिए बन रहे हादसे के कारण
बूंदी जिला मुयालय से भीलवाड़ा जिले के बिजोलियां कस्बे तक बनी 50 किलोमीटर सीमेंट-कंक्रीट सड़क वन विभाग की उदासीनता के कारण वन क्षेत्र में वन्यजीवों व वाहन चालकों के लिए मौत का नया हाई वे बन गया है। इस सड़क के निर्माण के दौरान भी तत्कालीन वाइल्डलाइफ वार्डन पृथ्वी सिंह राजावत ने जंगल में वन्यजीवों की सुरक्षित आवाजाही के लिए मुद्दा उठाया था,लेकिन कुछ दिन काम बंद कर जंगल में बिना स्वीकृति वन्यजीवों के लिए मौत का रास्ता बना दिया। टाइगर रिजर्व के बफर जोन बूंदी व भीलवाड़ा जिले की सीमा के भीमलत व बांका क्षेत्र पेंथर- भालू जैसे वन्यजीवों से आबाद सघन वन क्षेत्र है। यहां सुरक्षा दिवार व अण्डरपास बनाए बिना सड़क निर्माण हो गया है जिससे वन्यजीवों से सड़क हादसों का आशंका बढ़ गई है।
…तो बढ़ गया दुर्घटना का खतरा
यह वन क्षेत्र मुकुन्दरा-हिल्स टाईगर रिजर्व व रणथभौर टाईगर रिजर्व के बीच वन्यजीवों के आवागमन का एक मात्र सुरक्षित रास्ता है तथा प्रस्तावित टाइगर कोरिडोर का हिस्सा है। यह राज्यमार्ग व्यस्तम मार्ग है,जो राष्ट्रीय राजमार्ग 52 व 79 को जोड़ता है। जिससे वन क्षेत्र में वन्यजीवों के लिए दुर्घटना का खतरा बढ़ गया है।
वन्यजीवों की सुरक्षित आवाजाही के लिए करेंगे कार्रवाई
रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के बफर जोन सहित जिले के वन क्षेत्रों से होकर गुजर रही सड़कों व रेलमार्ग पर वन्यजीवों की सुरक्षित आवाजाही के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्यवाही करेंगे। अंडरपास व सुरक्षा दीवार नहीं बनने वाले मामले को दिखवाकर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
देवेंद्र सिंह भाटी, उपवन संरक्षक एवं उपक्षेत्र निदेशक, रामगढ विषधारी टाइगर, बफर क्षेत्र,बूंदी

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