बूंदी जिला मुयालय से भीलवाड़ा जिले के बिजोलियां कस्बे तक बनी 50 किलोमीटर सीमेंट-कंक्रीट सड़क वन विभाग की उदासीनता के कारण वन क्षेत्र में वन्यजीवों व वाहन चालकों के लिए मौत का नया हाई वे बन गया है। इस सड़क के निर्माण के दौरान भी तत्कालीन वाइल्डलाइफ वार्डन पृथ्वी सिंह राजावत ने जंगल में वन्यजीवों की सुरक्षित आवाजाही के लिए मुद्दा उठाया था,लेकिन कुछ दिन काम बंद कर जंगल में बिना स्वीकृति वन्यजीवों के लिए मौत का रास्ता बना दिया। टाइगर रिजर्व के बफर जोन बूंदी व भीलवाड़ा जिले की सीमा के भीमलत व बांका क्षेत्र पेंथर- भालू जैसे वन्यजीवों से आबाद सघन वन क्षेत्र है। यहां सुरक्षा दिवार व अण्डरपास बनाए बिना सड़क निर्माण हो गया है जिससे वन्यजीवों से सड़क हादसों का आशंका बढ़ गई है।
यह वन क्षेत्र मुकुन्दरा-हिल्स टाईगर रिजर्व व रणथभौर टाईगर रिजर्व के बीच वन्यजीवों के आवागमन का एक मात्र सुरक्षित रास्ता है तथा प्रस्तावित टाइगर कोरिडोर का हिस्सा है। यह राज्यमार्ग व्यस्तम मार्ग है,जो राष्ट्रीय राजमार्ग 52 व 79 को जोड़ता है। जिससे वन क्षेत्र में वन्यजीवों के लिए दुर्घटना का खतरा बढ़ गया है।
रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के बफर जोन सहित जिले के वन क्षेत्रों से होकर गुजर रही सड़कों व रेलमार्ग पर वन्यजीवों की सुरक्षित आवाजाही के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्यवाही करेंगे। अंडरपास व सुरक्षा दीवार नहीं बनने वाले मामले को दिखवाकर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
देवेंद्र सिंह भाटी, उपवन संरक्षक एवं उपक्षेत्र निदेशक, रामगढ विषधारी टाइगर, बफर क्षेत्र,बूंदी