भारत का AI मिशन ₹10,738 करोड़ से स्टार्टअप्स को मिलेगा वैश्विक बढ़ावा, अश्विनी वैष्णव का बड़ा ऐलान
India AI Mission: भारत सरकार ने ₹10,738 करोड़ के निवेश से एआई स्टार्टअप्स और नवाचारों को बढ़ावा देने का ऐलान किया, वैश्विक नेतृत्व स्थापित करने के लिए भारत एआई में अपनी दक्षता साबित करेगा।
India AI Mission: भारत सरकार ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) में वैश्विक नेतृत्व स्थापित करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में घोषणा की कि ₹10,738 करोड़ के निवेश से देश में एआई स्टार्टअप्स और नवाचारों को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि भारत बड़ी भाषा मॉडलों (Large Language Models – LLMs) का विकास अंतरास्ट्रीय प्रतिस्पर्धियों की तुलना में बेहद कम लागत पर कर सकता है, ठीक उसी तरह जैसे चंद्रयान-2 मिशन को कम खर्च में सफलतापूर्वक संचालित किया गया था।
चंद्रयान-2 जैसा एआई में क्रांतिकारी कदम (India AI Mission)
अश्विनी वैष्णव (ashwini vaishnaw) ने भारत की किफायती नवाचार क्षमताओं पर जोर देते हुए बताया कि जिस तरह इसरो (ISRO) ने चंद्रयान-2 को कम लागत में लॉन्च किया, उसी तरह भारत अब एआई के क्षेत्र में भी अपनी दक्षता साबित करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, हमने चंद्रयान-2 मिशन (India AI Mission) को उन देशों की तुलना में बहुत कम लागत में चांद पर भेजा, तो हम एआई में भी वैश्विक प्रतिस्पर्धियों की तुलना में कम खर्च में बड़े भाषा मॉडल क्यों नहीं बना सकते? भारत सरकार का यह मिशन न केवल देश में एआई स्टार्टअप्स को समर्थन देगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारत को एक एआई हब के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा।
सैम ऑल्टमैन ने भारत की एआई क्षमता की सराहना की
ओपनएआई (OpenAI) के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने भी भारत की एआई क्षमता की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत ओपनएआई (India AI Mission) के लिए दूसरा सबसे बड़ा बाजार बन चुका है, और भारतीय डेवलपर्स चिप निर्माण, मॉडल डेवलपमेंट और एआई एप्लिकेशन (India AI Mission) में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। ऑल्टमैन ने कहा, भारत को एआई क्रांति में नेतृत्व करना चाहिए, क्योंकि देश की तकनीकी क्षमताएं लगातार बढ़ रही हैं। उनकी इस टिप्पणी से यह स्पष्ट होता है कि भारत न केवल एआई उपयोगकर्ता बल्कि वैश्विक नवाचारों का केंद्र भी बन सकता है।
भारत का एआई इनोवेशन पोटेंशियल
भारत सरकार के इस नए मिशन के तहत एआई क्षेत्र में स्टार्टअप्स (India AI Mission) को वित्तीय मदद, इन्फ्रास्ट्रक्चर और अनुसंधान संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे। अश्विनी वैष्णव ने ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन के साथ बातचीत में कहा कि भारत में स्टार्टअप्स के पास दुनिया को सस्ती और प्रभावी एआई (India AI Mission) तकनीक देने की पूरी क्षमता है। सरकार के अनुसार, ₹10,738 करोड़ का यह मिशन ‘फाउंडेशनल मॉडल्स’ (Foundational Models) के विकास में सहायक होगा, जिससे भारत में एआई नवाचारों को गति मिलेगी।
AI स्टार्टअप्स के लिए सरकार का विजन
वैष्णव ने यह भी बताया कि प्रत्येक वर्ष एआई इंटेलिजेंस की लागत 10 गुना कम हो रही है, और इस क्षेत्र में पश्चिमी देशों के अलावा अन्य देशों में भी नवाचार उभर रहे हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत के युवा उद्यमी, स्टार्टअप्स और शोधकर्ता ऐसे इनोवेशन (India AI Mission) पर काम कर रहे हैं, जिससे एआई तकनीक को अधिक किफायती और सुलभ बनाया जा सके। भारत सरकार का उद्देश्य एआई स्टार्टअप्स (India AI Mission) को तकनीकी और आर्थिक रूप से मजबूत करना है, जिससे वे वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे बढ़ सकें।
कैसे बदलेगी भारत की एआई इंडस्ट्री?
इस नए एआई मिशन के तहत सरकार स्टार्टअप्स, रिसर्च इंस्टीट्यूट्स और टेक कंपनियों को फंडिंग और रिसर्च सपोर्ट उपलब्ध कराएगी। इस पहल से नई नौकरियां, टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन (India AI Mission) को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, सरकार एआई (India AI Mission) के क्षेत्र में निजी कंपनियों और सरकारी एजेंसियों के बीच साझेदारी को भी प्रोत्साहित करेगी, जिससे नई टेक्नोलॉजीज का विकास तेज़ी से हो सके।