New Income Tax Slab: केंद्र सरकार 6 फरवरी को पेश कर सकती है नया इनकम टैक्स बिल
New Income Tax Slabs 2025-26: केंद्र सरकार 6 फरवरी 2025 को नया इनकम टैक्स बिल पेश करने वाली है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025-26 में 12 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स न लगाने का प्रस्ताव किया। आइए जानते है पूरी खबर।
New Income Tax Slab: केंद्र सरकार 6 फरवरी, 2025 को देश की टैक्स प्रणाली को सरल और प्रभावी बनाने के उद्देश्य से नया इनकम टैक्स बिल पेश करने की तैयारी में है। इस बिल के माध्यम से सरकार करदाताओं को राहत देने के लिए कई महत्वपूर्ण बदलाव कर सकती है, जिनमें प्रमुख बदलाव 12 लाख रुपये तक की आय को टैक्स-मुक्त करने का प्रस्ताव है। इसके अलावा, कर प्रणाली को सरल बनाने, स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ाने और करदाताओं की बचत (New Income Tax Slab) को बढ़ाने के उपायों पर भी जोर दिया जाएगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025-26 में टैक्स स्लैब (New Income Tax Slab) में बदलाव का प्रस्ताव किया है, जिसके तहत अब 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। वर्तमान में 7 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगता था, लेकिन सरकार इसे बढ़ाकर 12 लाख रुपये करने की योजना बना रही है। इसका मतलब यह है कि यदि किसी व्यक्ति की वार्षिक आय 12 लाख रुपये तक है, तो उसे अपनी आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। यह बदलाव एक करोड़ से अधिक करदाताओं को सीधे तौर पर लाभ पहुंचाएगा।
आम आदमी की जेब में बचेगा ज्यादा पैसा
सरकार के अनुसार, यह बदलाव आम आदमी के लिए बड़ी राहत लेकर आएगा। उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति 8 लाख रुपये की वार्षिक आय अर्जित करता है, तो उसकी कर देनदारी शून्य हो जाएगी और उसे अपनी जेब में 30,000 रुपये अतिरिक्त बचत होगी। इससे करदाताओं को अपनी मासिक बचत (New Income tax slab 2025-26) में इजाफा होगा, जिससे उनकी जीवनशैली में सुधार हो सकता है। इसके साथ ही, सरकार इस कदम के माध्यम से आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने की दिशा में भी काम कर रही है।
टैक्स प्रक्रिया को सरल बनाएगा नया बिल
नए इनकम टैक्स बिल (New Income tax slab) में एक और महत्वपूर्ण बदलाव किया जाएगा, और वह है टैक्स प्रक्रिया को सरल बनाना। मौजूदा आयकर अधिनियम में लगभग 6 लाख शब्द हैं, जिन्हें घटाकर 3 लाख शब्दों तक लाने का प्रस्ताव है। इससे न केवल करदाताओं को नियमों को समझने में आसानी होगी, बल्कि टैक्स अधिकारियों के लिए भी काम करना सरल हो जाएगा। इस बदलाव का उद्देश्य कर प्रणाली को सरल और पारदर्शी बनाना है, ताकि करदाता बिना किसी परेशानी के अपनी टैक्स देनदारी को पूरा कर सकें।
टैक्स बेस को बढ़ाने की कोशिश
नए बिल के अंतर्गत, सरकार टैक्स बेस (New Income tax slab) को बढ़ाने के लिए कुछ उपायों पर भी विचार कर सकती है। रिपोर्ट्स के अनुसार, बजट 2025-26 में टैक्स छूट बढ़ने के कारण करदाताओं की संख्या में कमी आई है। इसे संतुलित करने के लिए सरकार कुछ नए कदम उठा सकती है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग टैक्स प्रणाली में शामिल हो सकें और सरकार को टैक्स कलेक्शन में मजबूती मिले। इससे टैक्स कलेक्शन का दायरा बढ़ेगा, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए लाभकारी होगा।
स्टैंडर्ड डिडक्शन का मिलेगा लाभ
नए इनकम टैक्स (New Income tax slab) बिल के अंतर्गत वेतनभोगी करदाताओं के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन को भी बढ़ाया जाएगा। स्टैंडर्ड डिडक्शन को 75,000 रुपये तक बढ़ाया जाएगा, जिससे वेतनभोगियों को अतिरिक्त राहत मिलेगी। इसका मतलब यह है कि यदि किसी वेतनभोगी व्यक्ति की आय 12.75 लाख रुपये तक है, तो उसे अपनी आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। इससे करदाताओं को अपनी आय पर टैक्स की बचत करने का अवसर मिलेगा, जिससे उनके वित्तीय स्थिति में सुधार होगा।
नई व्यवस्था से टैक्सपेयर्स को क्या मिलेगा?
12 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स नहीं – पहले यह सीमा 7 लाख रुपये थी।
करदाताओं की कर देनदारी घटेगी – 8 लाख रुपये की आय पर अब 30,000 रुपये की बचत होगी।
टैक्स कानून होगा आसान – 6 लाख शब्दों वाले टैक्स कानून को 3 लाख शब्दों तक लाने की योजना।
स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ – वेतनभोगियों के लिए कर-मुक्त आय 12.75 लाख रुपये तक बढ़ेगी।
सरकार का उद्देश्य इस नए इनकम टैक्स बिल (New Income tax slab) के माध्यम से देश की टैक्स प्रणाली को सरल, पारदर्शी और प्रभावी बनाना है। इससे न केवल करदाताओं को राहत मिलेगी, बल्कि टैक्स कलेक्शन को भी मजबूती मिलेगी, जिससे सरकार की वित्तीय स्थिति में सुधार होगा। यह बदलाव भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है, क्योंकि इससे टैक्स प्रणाली में सुधार आएगा और अधिक लोग इसके तहत अपनी कर देनदारी अदा करेंगे।
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