शुरुआती कारोबार में रुपये का प्रदर्शन (Rupee to Dollar)
इंटरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया 86.44 के स्तर पर खुला और शुरुआती सौदों में 86.36 के उच्चतम स्तर को छूने के बाद 86.52 पर कारोबार करता दिखा। यह पिछले बंद स्तर की तुलना में 27 पैसे की बढ़त दर्शाता है। मंगलवार को रुपये (Rupee to Dollar) में 66 पैसे की तेज मजबूती देखने को मिली थी, जो 3 मार्च 2023 के बाद एक दिन की सबसे बड़ी बढ़त थी। इससे पहले, सोमवार को रुपया कारोबार (Rupee to Dollar) के दौरान 88 प्रति डॉलर के करीब चला गया था, लेकिन बाद में 87.45 के स्तर पर बंद हुआ था।किन कारणों से रुपये को मजबूती मिली?
फॉरेक्स कारोबारियों के अनुसार, रुपये की यह मजबूती कई कारकों का परिणाम है— कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट: अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड वायदा 0.31% की गिरावट के साथ 76.36 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया, जिससे रुपये को सहारा मिला।RBI के हस्तक्षेप: भारतीय रिजर्व बैंक के कदमों ने रुपये को स्थिर रखने में मदद की। माना जा रहा है कि केंद्रीय बैंक ने रुपये की अत्यधिक गिरावट को रोकने के लिए बाजार में डॉलर की बिक्री की थी।
मंगलवार को आई तेजी की निरंतरता: मंगलवार को रुपये में 66 पैसे की मजबूती आई थी, जिसका असर बुधवार के शुरुआती कारोबार में भी दिखा।
किन वजहों से रुपये की बढ़त सीमित रही?
हालांकि रुपये में सुधार जारी रहा, लेकिन इसकी रफ्तार कुछ हद तक सीमित रही। इसके पीछे कुछ महत्वपूर्ण कारण हैं—- विदेशी पूंजी निकासी: विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने मंगलवार को भारतीय शेयर बाजार से 4,486.41 करोड़ रुपये की निकासी की, जिससे रुपये पर दबाव बना रहा।
- डॉलर की मजबूती: अमेरिकी डॉलर इंडेक्स, जो छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को दर्शाता है, 0.07% बढ़कर 107.91 पर पहुंच गया। इसका मुख्य कारण अमेरिका द्वारा एल्युमिनियम और स्टील के आयात पर 25% टैरिफ लगाए जाने के बाद बढ़ते व्यापारिक तनाव हैं।
- शेयर बाजार में गिरावट: भारतीय शेयर बाजार में कमजोरी दिखी। बीएसई सेंसेक्स 259.89 अंक या 0.34% गिरकर 76,033.71 पर और एनएसई निफ्टी 72.40 अंक या 0.31% गिरकर 22,999.40 पर कारोबार कर रहा था।