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Dollar के मुकाबले Rupee हुआ मजबूत, 27 पैसे की उछाल, क्या बरकरार रहेगी यह बढ़त?

Rupee to Dollar: आज, 12 फरवरी को भारतीय रुपया ने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 27 पैसे की मजबूती दर्ज की और 86.52 के स्तर पर पहुंच गया। आइए रुपए की मजबूती के पीछे के कारणों पर एक नजर डालते हैं।

भारतFeb 12, 2025 / 11:51 am

Ratan Gaurav

Rupee to Dollar

Rupee to Dollar

Rupee to Dollar: आज 12 फरवरी बुधवार के दिन भारतीय रुपये (Rupee to Dollar) ने लगातार दूसरे सत्र में मजबूती दर्ज की और बुधवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 27 पैसे चढ़कर 86.52 के स्तर पर पहुंच गया। रुपये की यह बढ़त कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के विभिन्न उपायों से मिली राहत के कारण देखने को मिली। हालांकि, घरेलू शेयर बाजार (Share Market) में अस्थिरता, विदेशी पूंजी की निकासी और अमेरिकी मुद्रा की मजबूती (Rupee to Dollar) ने रुपये की बढ़त को सीमित कर दिया।
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शुरुआती कारोबार में रुपये का प्रदर्शन (Rupee to Dollar)

इंटरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया 86.44 के स्तर पर खुला और शुरुआती सौदों में 86.36 के उच्चतम स्तर को छूने के बाद 86.52 पर कारोबार करता दिखा। यह पिछले बंद स्तर की तुलना में 27 पैसे की बढ़त दर्शाता है। मंगलवार को रुपये (Rupee to Dollar) में 66 पैसे की तेज मजबूती देखने को मिली थी, जो 3 मार्च 2023 के बाद एक दिन की सबसे बड़ी बढ़त थी। इससे पहले, सोमवार को रुपया कारोबार (Rupee to Dollar) के दौरान 88 प्रति डॉलर के करीब चला गया था, लेकिन बाद में 87.45 के स्तर पर बंद हुआ था।

किन कारणों से रुपये को मजबूती मिली?

फॉरेक्स कारोबारियों के अनुसार, रुपये की यह मजबूती कई कारकों का परिणाम है—

कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट: अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड वायदा 0.31% की गिरावट के साथ 76.36 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया, जिससे रुपये को सहारा मिला।
RBI के हस्तक्षेप: भारतीय रिजर्व बैंक के कदमों ने रुपये को स्थिर रखने में मदद की। माना जा रहा है कि केंद्रीय बैंक ने रुपये की अत्यधिक गिरावट को रोकने के लिए बाजार में डॉलर की बिक्री की थी।
मंगलवार को आई तेजी की निरंतरता: मंगलवार को रुपये में 66 पैसे की मजबूती आई थी, जिसका असर बुधवार के शुरुआती कारोबार में भी दिखा।
जानिए कब रुपए में आई थी गिरावट

किन वजहों से रुपये की बढ़त सीमित रही?

हालांकि रुपये में सुधार जारी रहा, लेकिन इसकी रफ्तार कुछ हद तक सीमित रही। इसके पीछे कुछ महत्वपूर्ण कारण हैं—
  1. विदेशी पूंजी निकासी: विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने मंगलवार को भारतीय शेयर बाजार से 4,486.41 करोड़ रुपये की निकासी की, जिससे रुपये पर दबाव बना रहा।
  2. डॉलर की मजबूती: अमेरिकी डॉलर इंडेक्स, जो छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को दर्शाता है, 0.07% बढ़कर 107.91 पर पहुंच गया। इसका मुख्य कारण अमेरिका द्वारा एल्युमिनियम और स्टील के आयात पर 25% टैरिफ लगाए जाने के बाद बढ़ते व्यापारिक तनाव हैं।
  3. शेयर बाजार में गिरावट: भारतीय शेयर बाजार में कमजोरी दिखी। बीएसई सेंसेक्स 259.89 अंक या 0.34% गिरकर 76,033.71 पर और एनएसई निफ्टी 72.40 अंक या 0.31% गिरकर 22,999.40 पर कारोबार कर रहा था।
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आगे रुपये की दिशा क्या होगी?

फॉरेक्स विश्लेषकों का मानना है कि रुपये की आगे की चाल घरेलू और वैश्विक बाजार के घटनाक्रमों पर निर्भर करेगी। यदि कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट जारी रहती है और अमेरिकी डॉलर में नरमी आती है, तो रुपये को और मजबूती मिल सकती है। हालांकि, विदेशी पूंजी निकासी (Rupee to Dollar) और अमेरिकी टैरिफ नीति का प्रभाव रुपये की मजबूती को सीमित कर सकता है।

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