बजरंग नगर में नाली के पानी की निकासी नहीं
शहर के पॉश इलाके में शुमार बजरंग नगर कॉलोनी में हनुमान मंदिर के सामने करीब 50 घरों से निकलने वाली नाली के पानी की निकासी का कोई इंतजाम नहीं है। घरों से निकला पानी नाली के जरिए मुख्य सडक़ की बड़ी नाली में जा रहा है, लेकिन बड़ी नाली के पानी की निकासी नहीं होने से नालियां भर गई है। ओवरफ्लो और बजबजाती नालियां रहवासियों के लिए परेशानी का बड़ा कारण बन गई है। निकासी न होने से नालियों में भरा पानी न केवल घरों के फाउंडेशन में सीपजे ला रहा है। बल्कि घरों के बोर में भी नाली का गंदा पानी समा रहा है। समस्या को लेकर स्थानीय रहवासियों ने नगरपालिका के जिम्मेदारों को कई बार लिखित और मौखिक शिकायत की लेकिन आज तक नगरपालिका ने रहवासियों की समस्या की सुध तक नहीं ली।
181 में कई शिकायतें, बिना निराकरण बंद कर दी
बजरंग नगर में नाली के पानी की निकासी न होने से हो रही समस्या को लेकर स्थानीय रहवासियों ने नगरपालिका कार्यालय, अस्सिटेंट इंजीनियर, सीएमओ से कई बार समस्या के समाधान की गुहार लगाई लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। रहवासी बबलू जगधारी ने बताया छह महीने से नाली में पानी और कचरा भरा हुआ है, लेकिन नगरपालिका शिकायत के बाद भी पानी निकासी की समस्या का समाधान नहीं कर रही है। आशीष सेन ने बताया कि नाली भर गई है। मच्छरों से लोग परेशान है। मुकेश जैन, अनिल जैन, डिम्पी शर्मा, वीरेंद्र सिंह,अजय रोहणा, राजीव बिल्थरे, सेवाराम दीक्षित समेत की रहवासियों ने बताया कि मोहल्ले के लोगों ने नगरपालिका में कई बार शिकायत की। यहां तक की मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में भी कई बार शिकायत की, लेकिन शिकायत का सही समाधान करे बिना ही शिकायत बंद कर दी जाती है।
अनगढ़ टौरिया में पानी और गंदगी का जमाव, नालियों का जाम
अनगढ़ टौरिया इलाके में नालियों का हाल बहुत बुरा है। यह नालियां सफाई के अभाव में पूरी तरह से बजबजा रही हैं। सडक़ों पर पानी और गंदगी का जमाव है, जिससे सडक़ भी खस्ताहाल हो गई है। यहां के निवासी बताते हैं कि कई बार नगरपालिका अधिकारियों को समस्या के बारे में बताया गया, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। नाली का निर्माण तो किया गया था, लेकिन उसमें सफाई नहीं की गई, जिसके कारण कचरा जाम हो गया है और सडक़ पर पानी का भराव होता है। इससे न केवल स्थानीय लोग परेशान हो रहे हैं, बल्कि सडक़ भी लगातार टूट रही है। स्थानीय रहवासी अरविंद सोनी, जीएल प्रजापति और अच्छेलाल पाल जैसे लोग कई बार नगरपालिका से शिकायत कर चुके हैं, लेकिन उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया गया। वे कहते हैं, “हम टैक्स भरते हैं, लेकिन फिर भी हमें उचित सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। नाली और सडक़ की समस्या लगातार बनी हुई है, और नपा ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया।
स्वच्छता सर्वेक्षण पर असर: रैंकिंग में गिरावट का खतरा
नगर पालिका की लापरवाही से छतरपुर शहर के स्वच्छता सर्वेक्षण में रैंकिंग में गिरावट का खतरा बना हुआ है। पिछले सालों में लगातार गिरती रैंकिंग के कारण इस बार के सर्वेक्षण में स्थिति और भी खराब हो सकती है। स्वच्छता सर्वेक्षण में सबसे ज्यादा नंबर सफाई और कचरा प्रबंधन पर दिए जाते हैं, लेकिन शहर में सफाई की स्थिति सुधारने के लिए नगरपालिका की तरफ से कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। सफाई कर्मचारियों की कमी और कचरा प्रबंधन में खामियों के कारण सफाई अभियान सुस्त पड़ा हुआ है।
सफाई के लिए करोड़ों खर्च, फिर भी सफाई नहीं हो रही
शहर के 40 वार्डों की सफाई का जिम्मा नगर पालिका के 678 सफाई कर्मचारियों पर है। इन कर्मचारियों के वेतन पर हर महीने करीब 95 लाख रुपए खर्च होते हैं, इसके बावजूद सफाई की स्थिति खराब है। हर वार्ड में सफाई कर्मचारी पर्याप्त संख्या में तैनात नहीं हैं। कई बार कचरा वाहन सही समय पर गंदगी हटाने के लिए नहीं पहुंचते, जिससे जगह-जगह कचरा पड़ा रहता है। कचरा वाहन होने के बावजूद लोग गंदगी के कारण परेशान हैं। नगर पालिका के पास 50 कचरा वाहन और 2 जेसीबी मशीनें हैं, लेकिन इनका सही उपयोग नहीं हो रहा। इसके अलावा, 4 ट्रैक्टर कचरा ढोने में लगे हुए हैं। बावजूद इसके, शहर में सफाई की स्थिति पर सवाल उठ रहे हैं।
नगर पालिका की ओर से क्या कहा गया
इस पर नगर पालिका की सीएमओ माधुरी शर्मा ने कहा, “हम सफाई कार्यों को प्राथमिकता दे रहे हैं। सफाई कर्मचारियों और वार्ड प्रभारियों को कड़े निर्देश दिए गए हैं कि सफाई व्यवस्था में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बजरंग नगर में अतिक्रमण हटाकर नाली बनाई जाना है। इसके लिए प्रक्रिया की जा रही है।
पत्रिका व्यू
छतरपुर शहर के कई हिस्सों में सफाई और जलभराव की समस्या बनी हुई है, जिसे नगरपालिका के अधिकारियों की अनदेखी के कारण सुधारने में देरी हो रही है। अगर यही हालात रहे तो शहर के स्वच्छता सर्वेक्षण में रैंकिंग में और गिरावट आ सकती है। नगरपालिका को चाहिए कि वह तत्काल कदम उठाए और नागरिकों की समस्याओं का समाधान करे, ताकि स्वच्छता अभियान को गति दी जा सके और शहर की सफाई व्यवस्था में सुधार हो सके।