तालाबों को पुनर्जीवित करने का होगा काम
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा जल संरक्षण पर सामाजिक संस्थाएं मिलकर जल संरक्षण पर करेंगी। कई संस्थाएं जल संरक्षण पर काम कर रही हैं। ताकि तालाबों को पुनर्जीवित करके लोगों को पानी की सुविधा उपलब्ध कराई जा सके।
चंदेल राजाओं ने बनवाए थे तालाब और बांध
बुंदेलखंड एमपी और यूपी के 7-7 जिलों में बंटा हुआ है। यहां पर 9वीं से 16वीं शताब्दी तक चंदेलों का शासन रहा है। पहले भी पानी की समस्या हुआ करती थी। जिससे जुझने के लिए चंदेल राजाओं ने बरसात के पानी को रिजर्व करने के लिए पत्थर और मिट्टी का इस्तेमाल करते हुए बांधों का निर्माण कराया था।
बुंदेलखंड में जल बचाने के लिए हो रही 300 किलोमीटर की यात्रा
बुंदेलखंड इलाके में जल संरक्षण पर काम करने वाली जल सहेलियों के द्वारा 2 फरवरी से यात्रा शुरू की गई है। यह यात्रा 18 दिन की होगी। जो कि ओरछा के कंचना घाट से शुरू होकर छतरपुर के जटाशंकर धाम में पूरी होगी। इस यात्रा के दौरान महिलाएं गांव-गांव जाकर जल संरक्षण का संदेश देंगी और लोगों को जल प्रबंधन के महत्व के बारे में समझाएंगी।