अंक योजना और परीक्षा पैटर्न
परीक्षा की अंक योजना इस प्रकार निर्धारित की गई है
- छमाही परीक्षा- 20 अंक
- वार्षिक परीक्षा (लिखित)- 60 अंक
- आंतरिक मूल्यांकन (प्रोजेक्ट कार्य)- 20 अंक
- बहु विकल्पीय प्रश्न: 5 प्रश्न (5 अंक)
- रिक्त स्थान भरने वाले प्रश्न: 5 प्रश्न (5 अंक)
- अति लघु उत्तरीय प्रश्न: 6 प्रश्न (12 अंक)
- लघु उत्तरीय प्रश्न: 6 प्रश्न (18 अंक)
- दीर्घ उत्तरीय प्रश्न: 4 प्रश्न (20 अंक)
5वीं और 8वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा टाइम टेबल
मध्यप्रदेश बोर्ड की 5वीं और 8वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं 24 फरवरी से शुरू होंगी। 5वीं कक्षा की परीक्षा 24 फरवरी से 1 मार्च तक चलेगी, जबकि 8वीं कक्षा की परीक्षा 24 फरवरी से 5 मार्च तक होगी। दोनों कक्षाओं की परीक्षाएं एक ही पाली में, दोपहर 2 बजे से 4.30 बजे तक आयोजित की जाएंगी। इस दौरान विद्यार्थियों को 2 घंटे 30 मिनट का समय दिया जाएगा।
प्रश्नपत्र की तैयारी
सरकारी स्कूलों के लिए भाषा विषय (हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत) के प्रश्नपत्र राज्य स्तर के एससीईआरटी पाठ्यपुस्तक से तैयार किए जाएंगे। अन्य विषयों के प्रश्नपत्र एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तक से होंगे। निजी स्कूलों में सभी विषयों के प्रश्नपत्र एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तक से तैयार किए जाएंगे।
पास होने के लिए न्यूनतम अंक
परीक्षा में पास होने के लिए प्रत्येक छात्र को लिखित परीक्षा और आंतरिक मूल्यांकन दोनों में न्यूनतम 33 प्रतिशत अंक प्राप्त करने अनिवार्य होंगे। यदि कोई छात्र इन दोनों में से किसी भी परीक्षा में न्यूनतम अंक प्राप्त नहीं करता, तो उसे पुन: परीक्षा देनी होगी। अगर पुन: परीक्षा में भी वह फेल हो जाता है, तो उसे उसी कक्षा में दोबारा पढऩे की आवश्यकता होगी। इस साल के लिए यह सलाह दी जा रही है कि छात्रों को नए प्रश्नपत्र पैटर्न के अनुसार अच्छी तरह से तैयारी करनी चाहिए, ताकि वे परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकें। सभी स्कूलों को राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार परीक्षा आयोजन की तैयारी पूरी करने का निर्देश दिया गया है।
छात्रों के लिए महत्वपूर्ण सलाह
छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे परीक्षा के नए पैटर्न के अनुरूप अपनी तैयारी में समय दे और छोटे उत्तर देने की प्रैक्टिस करें। विशेष रूप से बहु विकल्पीय और रिक्त स्थान भरने वाले प्रश्नों के लिए छात्रों को पूरी तैयारी करनी चाहिए। साथ ही, परीक्षा में दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों की संख्या कम होने के कारण, छोटे प्रश्नों पर ध्यान केंद्रित करना आवश्यक होगा। सभी विद्यार्थियों और शिक्षकों से अपेक्षा की जा रही है कि वे परीक्षा की तैयारी में पूरी गंभीरता से जुट जाएं और राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा जारी किए गए सभी निर्देशों का पालन करें।